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Hindi News भारत राष्ट्रीय Chinese Manjha: दिल्ली में लोगों की गर्दनें काट रहा चाइनीज मांझा, फिर भी इसमें 'चीन' की कोई गलती नहीं और धड़ल्ले से हो रही बिक्री, लेकिन क्यों?

Chinese Manjha: दिल्ली में लोगों की गर्दनें काट रहा चाइनीज मांझा, फिर भी इसमें 'चीन' की कोई गलती नहीं और धड़ल्ले से हो रही बिक्री, लेकिन क्यों?

75 years of independence: हर साल स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली की सड़कें 'चीनी' मांझा से पट जाती है। इसके कारण से कई घटनाएं होती है। इस साल अब तक तीन मोटरसाइकिल सवारों की मौत हो गई है।

Chinese Manjha- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Chinese Manjha

Highlights

  • 11 अगस्त को शास्त्री नगर में एक घटना देखने को मिला
  • चीनी मांझा एक कांच की परत वाली सिंथेटिक स्ट्रिंग (घागा) है
  • मनुष्य और जानवरों को घायल करने की क्षमता होती है

Chinese Manjha: हर साल स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली की सड़कें चाइनीज मांझा से पट जाती है। इसके कारण से कई घटनाएं होती है। इस साल अब तक तीन मोटरसाइकिल सवारों की मौत हो गई है। 11 अगस्त को शास्त्री नगर में एक घटना देखने को मिला। नागलोई के रहने वाले विपिन कुमार राखी के दिन अपने ससुराल जा रहे थे, इसी दौरान सड़क पर उनके गले में मांझा आकर फंसा गया, वह खुद को मांजे से बचाने की कोशिश की लेकिन तब तक मांझे ने गर्दन काट दिया। उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चे थे। मांझे का धार इतना तेज था कि सड़क पर खून का बहने लगा। इस संबंध में पुलिस ने एफआइआर भी दर्ज की। इसी तरह एक और राहगीर के साथ घटना घटी। जब उस व्यक्ति के गर्दन में मांझा आ फंसा तो वह अनबैलेंस हो गया, जिसके कारण बाइक के पहिए में वह जा फंसा। आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। ये घटनाएं आम सी हो गई है, दिल्ली में हर साल कई लोग मांझा का शिकार हो जाते हैं। आइए आज हम जानते हैं कि यह मांझा कितना खतरनाक है और मांझा क्या होता है और इसका कानूनी दांवपेच क्या है। 

चीनी मांझा क्या है? 
चाइनीज मांझा एक कांच की परत वाली सिंथेटिक स्ट्रिंग(घागा) है, जिसका इस्तेमाल पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है। दिल्ली सरकार के साथ-साथ विभिन्न कार्यकर्ताओं ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक आवेदन दायर किया था। इस आवेदन के अनुसार, मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स घातक हैं क्योंकि उसे तोड़ना बहुत मुश्किल है। वे पॉलिमर को पिघलाकर बनाएं जाते हैं और उसके बाद कांच के साथ लेपित किया जाता है। मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स में मनुष्यों और जानवरों को घायल करने की क्षमता होती है। अब आपके मन सवाल आ रहा होगा कि ये मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स क्या हैं, ये एक मछली पकड़ने के वाला रेखा(तार) है जिसे बड़ी-बड़ी मछलियां आसानी से फंस जाती। एनजीटी में दायर एक अन्य आवेदन में बताया कि ये स्ट्रिंग इतने घातक होते हैं कि अगर किसी इंसान के गले में फंस जाए तो गर्दन को शरीर से अलग कर सकता है।  

चाइनीज मांझा चीन से नहीं आता है?
चीनी मांझा नाम होने से आप ऐसा नहीं सोचे कि ये इसे चीन से आयात किया जाता है। ये मांझा अपने देश में बनाए जाते हैं। इसे घरेलू रूप से उत्पादित किया जाता है। स्ट्रिंग यूपी और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बनाई जाती है। जहां से इसे ज्यादातर ऑनलाइन बेचा जाता है। हालांकि चीनी मांझा की लोकप्रियता का मुख्य कारण इसकी कीमत है। यह कपास मांझा की लागत का एक तिहाई और कई गुना मजबूत है।

क्या है चाइनीज मांझा की कानून दांव-पेंच 
साल 2016 में इसी चीनी मांझा ने तीन बच्चों का जान ले लिया था, जब वे अपने कारों की छत से बाहर देख रहे थे और तभी मांझा ने उनका गला काट दिया गया। इसके बाद के दिल्ली सरकार ने कांच के लेपित मांझा पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना पारित की। 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई। सुप्रीम कोर्ट ने नायलॉन या सिंथेटिक सामग्री से बने मांझा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। इसके बाद एनजीटी ने प्रतिबंध लगाया। हालांकि प्रतिबंध लगाना कठिन था। पर्यावरण विभाग की प्रवर्तन टीमों में केवल कुछ ही सदस्य होते हैं जो मांझा के व्यसाय करने वाले लोगों के ऊपर एक्शन लेते हैं। इस महीने की शुरुआत में पतंग उड़ाने, बनाने और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए एक याचिका डाली गई। दिल्ली के वकील संजय लाओ ने कहा, “एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा पहले से ही चीनी मांझा प्रतिबंधित है। इसके बावजूद भी 2017 में 255 मामले आए थे। इसी 5 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली पुलिस को चीनी सिंथेटिक मांझा पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। 

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