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Hindi News भारत राष्ट्रीय Subhash Chandra Bose Statue: सुभाष चंद्र की प्रतिमा के लिए ढूंढ़ना पड़ा 140 पहियों वाला ट्रक, फिर ग्रेनाइट आया दिल्ली

Subhash Chandra Bose Statue: सुभाष चंद्र की प्रतिमा के लिए ढूंढ़ना पड़ा 140 पहियों वाला ट्रक, फिर ग्रेनाइट आया दिल्ली

Subhash Chandra Bose Statue: इंडिया गेट के कर्तव्यपथ पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा आजादी के दीवानों की वीरगाथा को बयां करने के लिए काफी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इसे इंडिया गेट पर स्थापित करवाया गया।

Subhash Chandra Bose- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Subhash Chandra Bose

Highlights

  • 100 फिट लंबे ट्रक से तेलंगाना से दिल्ली आया ग्रेनाइट का पत्थर
  • 280 मीट्रिक टन के ग्रेनाइट पत्थर को काटकर बनाई सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा
  • अखंड प्रतिमा से अखंड मूर्ति बनाकर दिया गया अखंड भारत का संदेश

Subhash Chandra Bose Statue: इंडिया गेट के कर्तव्यपथ पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा आजादी के दीवानों की वीरगाथा को बयां करने के लिए काफी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इसे इंडिया गेट पर स्थापित करवाया गया। इस प्रतिमा को बनाने और यहां तक लाने में काफी मुश्किल चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दरअसल नेताजी की इस प्रतिमा को एक बड़े ग्रेनाइट पत्थर को काटकर बनाया गया है। यह पत्थर तेलंगाना से दिल्ली लाया जाना था। मगर पत्थर बहुत भारी था। इसलिए इसके लिए बड़ा ट्रक भी खोजना पड़ा, जिसकी लंबाई 100 फीट थी। ऐसे में इसे यहां तक लाने का कोई उपाय सूझ नहीं रहा था। इससे बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। मगर आखिरकार इसका विकल्प खोज लिया गया और 28 फुट की प्रतिमा तैयार कर इंडिया गेट पर लगाई गई। 

ढूंढ़ना पड़ा 140 पहिये वाला ट्रक
तेलंगाना से भारी पत्थर को दिल्ली लाया जाना था। क्योंकि प्रतिमा यहीं तैयार की जानी थी। मगर इसके लिए स्पेशल ट्रक बनवाना पड़ा। इस ट्रक में 140 पहिये लगे थे। पत्थर का वजन भी 280 मीट्रिक टन था। इसलिए उसको सुरक्षित पहुंचाना और इसे ट्रक पर सुरक्षित लादने व उतारने की भी चुनौती थी। ट्रक को 280 मीट्रिक टन वाले इस पत्थर के साथ 1665 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी। इस दौरान रास्ते में ट्रक के एक के बाद एक 42 टायर फट भी गए।  तेलंगाना के खम्मम की खान से यह ग्रेनाइट का पत्थर बड़ी मुश्किल से दिल्ली लाया गया। इसके बाद नेताजी की मूर्ति तैयार हुई। मूर्ति को बनाने में करीब 26 हजार घंटे लगे। यह नेताजी सुभाष चंद्र की पूरे देश में लगी अब तक की सबसे ऊंची मूर्ति है। मूर्ति का वजन भी 65 मीट्रिक टन है। 

अखंड पत्थर से मूर्ति बनाने की वजह
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अखंड भारत के समर्थक थे। इसलिए उनकी मूर्ति को भी अखंड पत्थर से तैयार करने का फैसला किया गया। यह अखंड भारत का संदेश देने के लिए काफी है। इस मूर्ति का स्वयं पीएम मोदी ने उद्घाटन किया। यह काले रंग का पत्थर है, जो वर्षा, गर्मी और सर्दी में अक्षुण रहता है। इसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ती। कलाकरों को यह मूर्ति बनाने में 26 हजार घंटे लगे। 

एक भारत श्रेष्ठ भारत का संदेश दे रही प्रतिमा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की यह प्रतिमा इंडिया गेट पर एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश दे रही है। साथ ही युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भी दिखा रही है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए कितना संघर्ष किया और कैसे दूसरे देशों में जाकर भारत की आजादी के लिए संगठन तैयार किया, यह सब किसी से छिपा नहीं है। इसीलिए नेताजी के योगदान हमेशा के लिए भारतीय इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में सुरक्षित कर लिया गया है। 

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