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Hindi News भारत राष्ट्रीय हजारीबाग में हाथी ने एक ही परिवार के 4 लोगों को चपेट में लिया, मां-बेटा और बेटी को कुचल कर मार डाला

हजारीबाग में हाथी ने एक ही परिवार के 4 लोगों को चपेट में लिया, मां-बेटा और बेटी को कुचल कर मार डाला

पिछले तीन महीनों के दौरान पूरे झारखंड में हाथियों ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। हाथियों के उत्पात से हजारीबाग जिले के कंडाबेर सहित आस-पास के एक दर्जन गांवों में भारी दहशत है।

<p>हजारीबाग में हाथी ने...- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE हजारीबाग में हाथी ने एक ही परिवार के 4 लोगों को चपेट में लिया, मां-बेटा और बेटी को कुचल कर मार डाला

Highlights

  • हाथियों के हमले में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत
  • पूरे झारखंड में तीन महीने में दो दर्जन लोगों की मौत

रांची: हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र अंतर्गत कंडाबेर-इतीज गांव में हाथियों के हमले में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है। ये घटना सोमवार सुबह की है। बताया गया कि तीन-चार हाथियों का झुंड अहले सुबह गांव में आ धमका तो भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। हाथियों ने किसान रामवृक्ष सिंह, उनकी पत्नी रोहिणी देवी, पुत्र मुकेश कुमार और सुंदरी कुमारी को सूंढ़ में लपेटकर पटका और इसके बाद पांवों से कुचल डाला। मां, पुत्र और पुत्री की तत्काल मौत हो गई। परिवार के मुखिया रामवृक्ष सिंह बुरी तरह घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया है।

घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची है। हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल के डीएफओ रवींद्र नाथ मिश्रा ने घटना का संज्ञान लेते हुए बड़कागांव वनक्षेत्र पदाधिकारी छोटे लाल साह को निर्देश दिया है कि मारे गए लोगों के परिजनों को तत्काल मुआवजे का भुगतान करें।

हाथियों के उत्पात से कंडाबेर सहित आस-पास के एक दर्जन गांवों में भारी दहशत है। पिछले तीन महीनों के दौरान पूरे झारखंड में हाथियों ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। हजारीबाग जिले के दारू, बड़कागांव, कटकमसांडी, बरकट्ठा, चुरचू, गिरिडीह जिले के बिरनी, गांवा, पीरटांड़, पलामू जिले के चैनपुर, गुमला जिले के बसिया और बिशुनपुर, लातेहार जिले के बारियातू और बालूमाथ सहित राज्य के लगभग 70 प्रखंडों में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है।

उन्होंने सैकड़ों एकड़ फसलें रौंद डाली हैं और 100 से भी ज्यादा घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है हाथियों के उत्पात की सबसे बड़ी वजह उनकी प्राकृतिक रिहाईश में छेड़छाड़ और उनके सुनिश्चित मार्ग में बाधा उत्पन्न किया जाना है।

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