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Hindi News भारत राष्ट्रीय राम मंदिर पर फैसला देने वाले पूर्व CJI रंजन गोगोई को मिलेगा असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, मिलेंगे इतने लाख रुपये

राम मंदिर पर फैसला देने वाले पूर्व CJI रंजन गोगोई को मिलेगा असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, मिलेंगे इतने लाख रुपये

असम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम बैभव’ के लिए मंगलवार को पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को नामित किया गया। प्रधान न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाले वह पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति हैं।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई - India TV Hindi Image Source : FILE- PTI पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई

गुवाहाटीः असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि इस बार असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को असम बैभव पुरस्कार (Assam Baibhav award) के लिए चुना है। सीएम ने कहा कि रंजन गोगोई को 10 फरवरी को असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया जाएगा। असम के राज्यपाल उन्हें राज्य नागरिक पुरस्कार प्रदान करेंगे।

पुरस्कार समारोह में उपराष्ट्रपति होंगे शामिल

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। असम बैभव पुरस्कार राज्य का सर्वोच्च पुरस्कार है। सबसे पहले असम बैभव पुरस्कार रतन टाटा को दिया था। पिछले साल यह अवार्ड तपन सैकिया को दिया था। 

2018-19 के बीच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस साल हमने न्यायिक क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को ‘असम बैभव’  पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। गोगोई 2018-19 में प्रधान न्यायाधीश थे।

राम मंदिर पर फैसला सुनाया था

रंजन गोगोई ने ही उस पीठ का नेतृत्व किया था जिसने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में फैसला सुनाया था। वह वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं और उन्हें मार्च 2020 में मनोनित किया गया था। ‘असम वैभव’ पुरस्कार में पांच लाख रुपये की नकद राशि शामिल है।

इन हस्तियों को मिलेगा असम सौरव पुरस्कार

हिमंत बिस्वा सरमा ने उन प्रमुख हस्तियों के नाम भी बताए जिन्हें राज्य सरकार के दो अन्य प्रमुख पुरस्कार दिए जाएंगे। सीएम ने ‘असम सौरव’ पुरस्कार के लिए चार प्रमुख व्यक्तियों के नामों की घोषणा की, जिनमें तैराक एल्विस अली हजारिका और धाविका हिमा दास शामिल हैं। सांस्कृतिक विरासत प्रबंधन विशेषज्ञ किशन चंद नौरियाल और तिवा नर्तक नंदीराम देउरी इस श्रेणी के तहत पुरस्कार पाने वाले अन्य विजेताओं में शामिल हैं। 

 

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