A
Hindi News भारत राष्ट्रीय त्रिपुरेश्वरी मंदिर के तालाब में तैरती दिखी इंसान की खोपड़ी, मच गया हड़कंप

त्रिपुरेश्वरी मंदिर के तालाब में तैरती दिखी इंसान की खोपड़ी, मच गया हड़कंप

500 साल पुराने त्रिपुरेश्वरी मंदिर के कल्याण सागर तालाब में लोगों ने एक खोपड़ी को तैरते हुए देखा जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

Kalyan Sagar, Tripureshwari Temple, Human Skull, Kalyan Sagar Human Skull- India TV Hindi Image Source : TRIPURASUNDARI.TRIPURA.GOV.IN त्रिपुरेश्वरी मंदिर के कल्याण सागर में इंसान की खोपड़ी तैरती दिखी थी।

अगरतला: त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित शक्ति पीठों में से एक त्रिपुरेश्वरी मंदिर के पवित्र तालाब में एक अज्ञात व्यक्ति की खोपड़ी मिली है। मंदिर के तालाब में इंसानी खोपड़ी को तैरता देख लोगों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि खोपड़ी मंदिर के तालाब में कैसे पहुंची। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस 500 साल पुराने तीर्थस्थल के भीतर यह कल्याण सागर नाम का तालाब है। लोगों ने गुरुवार की सुबह कल्याण सागर में एक खोपड़ी तैरती हुई देखी और प्राधिकारियों को इसकी सूचना दी।

‘अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है’
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस बारे में गुरुवार को विधानसभा में कहा, ‘पुलिस को खोपड़ी मिली है और इसे पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। त्रिपुरा राज्य राइफल्स (TSR) के गोताखोरों ने यह पता लगाने के लिए तालाब में तलाश की कि वहां और मानव अवशेष तो नहीं हैं, लेकिन उन्हें कुछ और नहीं बरामद हुआ।’ साहा ने बताया कि पुलिस ने मंदिर और आसपास के इलाकों के CCTV फुटेज खंगाले हैं, लेकिन अभी कोई सुराग नहीं मिला है। स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी बाबुल दास ने बताया कि इस संबंध में एक केस दर्ज कर लिया गया है।

‘लापता लोगों की लिस्ट खंगाल रहे हैं’
सीएम ने कहा, ‘हम पूरे गोमती जिले में लापता लोगों की लिस्ट खंगाल रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।’ मंदिर के मैनेजर माणिक दत्ता ने बताया कि कल्याण सागर के पानी को अगले 45 दिन तक इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, क्योंकि खोपड़ी मिलने के बाद यह अपवित्र हो गया है। उन्होंने कहा, ‘हमें कल्याण सागर को फिर से पवित्र करने के लिए 45 दिन बाद पूजा करनी होगी।’ बता दें कि यह प्रसिद्ध मंदिर 1501 में महाराज धन्य माणिक्य ने बनवाया था। मौजूदा समय में मंदिर का संचालन राज्य सरकार के हाथों में है।

Latest India News