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Hindi News भारत राष्ट्रीय ISRO: गगनयान के लिए एक बड़ी उपलब्धि, इसरो गगनयान के लिए क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण सफल

ISRO: गगनयान के लिए एक बड़ी उपलब्धि, इसरो गगनयान के लिए क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण सफल

गगनयान मिशन को लेकर बड़ी खबर मिली है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से चल रहे इसरो के गगनयान मिशन को लेकर कामयाबी हाथ लगी है। इसके अलावा इसरो के नए चीफ की नियुक्ति भी ही की गई है।

ISRO Mission- India TV Hindi Image Source : PTI फाइल फोटो

Highlights

  • गगनयान मिशन को लेकर एक बड़ी कामयाबी
  • इसरो के नए चीफ की नियुक्ति
  • क्रायोजेनिक इंजन गुणवत्ता पर खरा उतरा

ISRO Gaganyaan: इसरो गगनयान मिशन को लेकर एक बड़ी कामयाबी मिली है। लंबे समय से क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण चल रहा था और आखिरकार वैज्ञानिकों की टीम ने क्रायोजेनिक इंजन का गुणवत्ता परीक्षण सफल तरीके से किया है। अब इस मिशन को और तेजी मिलेगी। हालांकि, अभी इसके लिए और परीक्षण भी किए जाएंगे। इसके साथ इसरो को नया चीफ मिल गया है जिनका नाम एस सोमनाथ बताया जा रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में इसरो प्रणोदन परिसर (प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स) में गगनयान कार्यक्रम के वास्ते 720 सेकंड की अवधि के लिए क्रायोजेनिक इंजन का गुणवत्ता परीक्षण किया जो सफल रहा। बेंगलुरु स्थित एजेंसी ने कहा कि बुधवार को हुआ इंजन का प्रदर्शन परीक्षण के उद्देश्यों के अनुरूप रहा।

इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘लंबी अवधि का यह सफल परीक्षण मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम - गगनयान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह गगनयान के लिए क्रायोजेनिक इंजन की विश्वसनीयता और मजबूती सुनिश्चित करता है।’’ बयान के अनुसार, यह इंजन चार और परीक्षणों से गुजरेगा जो 1810 सेकंड के होंगे। इसरो ने बताया कि इसके बाद एक और इंजन के दो छोटी अवधि के परीक्षण होंगे और गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन गुणवत्ता पर खरा उतरने के लिए एक लंबी अवधि का परीक्षण होगा। इसरो अध्यक्ष के सिवन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत की महत्वाकांक्षी गगनयान परियोजना का, डिजाइन वाला चरण पूरा हो गया है तथा यह परीक्षण के चरण में प्रवेश कर गया है।"

उन्होंने कहा था, ‘‘भारत की आजादी (15 अगस्त 2022) की 75वीं वर्षगांठ से पहले पहला मानवरहित मिशन भेजने का निर्देश है और सभी पक्षकार इसके लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हम इस लक्ष्य का पूरा कर लेंगे।’ इस दिशा में इसरो की टीम तेजी से आगे बढ़ती दिख रही है। आगामी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसे पूरा होना तय माना जा रहा है।

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