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Hindi News भारत राष्ट्रीय वरीय न्याय सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में हो आरक्षण का प्रावधान, झारखंड सीएम सोरेन ने उठाई मांग

वरीय न्याय सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में हो आरक्षण का प्रावधान, झारखंड सीएम सोरेन ने उठाई मांग

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए मैं चाहूंगा कि इसकी नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि झारखंड राज्य में उच्च न्यायिक सेवा में जनजातीय समुदायों की नगण्य उपस्थिति चिंता का विषय है। इस सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए मैं चाहूंगा कि इसकी नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के दौरान ये बयान दिया।

वरीय न्याय सेवाओं में आरक्षण की मांग
मुख्यमंत्री सोरेन ने यह भी बताया कि 3,000 से अधिक उपक्रम, जिनमें से कई गरीब आदिवासी, दलित और समाज के कमजोर वर्गों के सदस्य हैं, पांच साल से अधिक समय से छोटे अपराधों के लिए राज्य की जेलों में बंद हैं और कहा कि इससे निपटने के लिए एक प्रणाली तैयार की जानी चाहिए। सीएम ने कहा, ‘‘झारखंड जैसे राज्य में उच्च न्यायिक सेवाओं में जनजातीय समुदाय की नगण्य उपस्थिति चिंता का विषय है। इस सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।’’ सोरेन ने कहा, ‘‘चूंकि माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति इसी सेवा से होती है, इसलिए उच्च न्यायालय में भी वही पद होता है। इसलिए मैं चाहूंगा कि आदिवासी बहुल राज्य में वरिष्ठ न्यायिक सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए।’’ 

राष्ट्रपति मुर्मू और चीफ जस्टिस की मौजूदगी में कही बात
गौर करने वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को रांची में झारखंड उच्च न्यायालय के नवनिर्मित भवन और परिसर के उद्घाटन समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और अन्य की उपस्थिति में यह बात कही। मुख्यमंत्री सोरेन ने उम्मीद जताई कि आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों को सरल, सुलभ, सस्ता और त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में उच्च न्यायालय मील का पत्थर साबित होगा। सोरेन ने कहा, ‘‘मैं चाहूंगा कि इस आदिवासी बहुल राज्य में वरीय न्याय सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए।’’

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