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Hindi News भारत राष्ट्रीय Jharkhand News: वर्चस्व की लड़ाई में मारा गया खतरनाक नक्सली, कई जिलों में था मोस्ट वांटेड

Jharkhand News: वर्चस्व की लड़ाई में मारा गया खतरनाक नक्सली, कई जिलों में था मोस्ट वांटेड

Jharkhand News: बताया जा रहा है कि विकास लोहरा की हत्या गोली मारकर की गई है। उसे पूर्व में लातेहार, रामगढ़ और रांची जिलों की पुलिस ने कई बार गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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Jharkhand News: नक्सली संगठनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में रांची जिले के बुढ़मू थाना क्षेत्र अंतर्गत महुआ खुर्रा में गुरुवार देर रात एक हार्डकोर नक्सली विकास लोहरा मारा गया। वह प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद के एक हथियारबंद प्लाटून का कमांडर था। रांची, रामगढ़ और लातेहार जिले की पुलिस के लिए वह चुनौती बना हुआ था। इन तीनों जिलों के ग्रामीण इलाकों में विकास लोहरा का नाम का आतंक था।

एसपी नौशाद आलम ने की मारे जाने की पुष्टि

रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने विकास लोहरा के मारे जाने की पुष्टि की है। पुलिस ने घने जंगल से उसकी लाश भी बरामद कर ली है। इस बीच दूसरे प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के विक्रांत ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। उसने मीडिया प्रतिनिधियों को कॉल कर कहा है कि विकास उसके संगठन के छह साथियों की हत्या में शामिल था। इसलिए उसकी हत्या की गयी है।

गोली मारकर की गई विकास लोहरा की हत्या

बताया जा रहा है कि विकास लोहरा की हत्या गोली मारकर की गई है। उसे पूर्व में लातेहार, रामगढ़ और रांची जिलों की पुलिस ने कई बार गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं। जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद वह इन तीनों जिलों में कोयला ढुलाई वाले इलाकों में रंगदारी वसूल रहा था। हाल की कई घटनाओं में पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी। 

बीते महीने उसकी अगुवाई वाले दस्ते ने छापर बालू घाट पर काम कर लोगों के साथ मारपीट कर घाट बंद करा दिया था। इस घटना पर प्रतिद्वंद्वी नक्सली संगठन टीएसपीसी की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विकास को अंजाम भुगतने की धमकी दी गयी थी।

नक्सली संगठनों के बीच चल रही वर्चस्व की जंग

दरअसल झारखंड के पांच-छह जिलों में नक्सली संगठन जेजेएमपी और टीएसपीसी के बीच वर्चस्व की जंग लंबे समय से चल रही है। इन दोनों संगठनों के बीच बीते चार-पांच वर्षों में कम से कम एक दर्जन बार मुठभेड़ हुई है। इसमें कई नक्सली मारे भी गये हैं।

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