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Hindi News भारत राष्ट्रीय महाराष्ट्र: कोविड के दौरान जिन कैदियों को मिली पैरोल, उसमें से 300 से ज्यादा हुए गायब, अधिकारियों ने पकड़ने के लिए ढूंढा अनोखा तरीका

महाराष्ट्र: कोविड के दौरान जिन कैदियों को मिली पैरोल, उसमें से 300 से ज्यादा हुए गायब, अधिकारियों ने पकड़ने के लिए ढूंढा अनोखा तरीका

महाराष्ट्र में कोरोना काल के दौरान कई कैदियों को पैरोल दी गई थी लेकिन जब इन कैदियों की वापसी का नंबर आया तो उसमें से कई भाग गए और कुछ लापता हैं। इस खबर के सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए हैं।

Maharashtra - India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE PIC जिन कैदियों को मिली पैरोल, उसमें से 300 से ज्यादा हुए गायब

मुंबई: महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यहां कोविड के दौरान राज्य के अलग-अलग जेलों में बंद सजायाफ्ता 4,253 कैदियों को विशेष तौर पर पैरोल देकर घर जाने दिया गया था। इन कैदियों को संक्रमण खत्म होने के बाद वापस जेलों में लौटने की शर्त पर कैदियों को छोड़ा गया था। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 350 कैदी अब तक वापस नहीं लौटे या लापता हैं। इन कैदियों में से मुंबई के भी कई कैदी शामिल हैं। इस खबर के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं।

मुंबई और पूरे महाराष्ट्र की 20 जेलों में 35 हजार से ऊपर कैदी

मुंबई और महाराष्ट्र की 20 जेलों में 35 हजार से ऊपर कैदी हैं, जो जेलों की तय क्षमता से ज्यादा हैं। ऐसे में कोविड काल में संक्रमण बढ़ने के खतरे को देख कैदियों की भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र की जेलों से कैदियों को पैरोल पर घर जाने की इजाजत दी गई थी। लेकिन जब सजायाफ्ता कैदियों को जेल बुलाया गया तो उनमें से 400 के करीब कैदी वापस नहीं गए।

महाराष्ट्र के जिन 4,253 कैदियों को पैरोल दिया गया था, उनमें से 18 को मुंबई पुलिस ने हालही में पकड़कर जेल पहुंचाया है। लेकिन अब भी 350  के करीब कैदी जेल के बाहर हैं, जिनकी तलाश जारी है। मुंबई पुलिस ने विशेष मुहिम चलाकर इन 18 सजायाफ्ता मुजरिमों को पकड़कर वापस जेल भेजा है। शहर के जॉइंट सीपी सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि पैरोल कैदियों का जब जेल वापस जाने का वक्त आया, तो वो भागने लगे।

साल 2020 में 4,253 सजायफ्ता कैदियों को विशेष तौर पर पैरोल दिया गया था, लेकिन वापसी के समय 400 के करीब गायब हो गए। मुंबई की जेल से भी 72 कैदी छोड़े गए थे, जिनमें से कुछ छुपे रह गए। ऐसे आरोपियों को वापस सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए पुलिस को विशेष धरपकड़ अभियान चलाना पड़ा। पहचान बदलकर छुपे कैदियों तक पहुंचने के लिए पुलिस कभी कुरियर बॉय तो कभी इंश्योरेंस एजेंट बनकर जाती रही। पुलिस के मुताबिक, अब भी 350 के करीब कैदी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।

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