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Hindi News भारत राष्ट्रीय मणिपुर हिंसा में 60 मौतें-1700 घर जले, शांति के लिए मिजोरम के बुजुर्ग ने शुरू की 450KM लंबी पदयात्रा

मणिपुर हिंसा में 60 मौतें-1700 घर जले, शांति के लिए मिजोरम के बुजुर्ग ने शुरू की 450KM लंबी पदयात्रा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन ने बताया कि हिंसा में करीब 60 लोगों ने जान गंवा दी और 231 लोग घायल हो गए, जबकि 1700 घर जल गए।

मिजोरम के शख्स लालबियाकथांगा की पदयात्रा- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA मिजोरम के शख्स लालबियाकथांगा की पदयात्रा

हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और पिछले दो दिनों में राज्य में हिंसा की कोई नई घटना नहीं सामने आई है। इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन ने बताया कि हिंसा में करीब 60 लोगों ने जान गंवा दी और 231 लोग घायल हो गए, जबकि 1700 घर जल गए। इस बीच, मिजोरम के  के 65 साल के शख्स ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए यहां से इंफाल की 450 किलोमीटर लंबी यात्रा शुरू की है। 

आइजोल के बाहरी इलाके लावीपु के निवासी लालबियाकथांगा बुधवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल के लिए पैदल रवाना हुए। उन्हें आइजोल में मिजोरम पत्रकार संघ (एमजेए) के अध्यक्ष सी. लालरामबुआतशैहा ने झंडी दिखाकर रवाना किया। लालबियाकथांगा एक प्रसिद्ध शांतिवादी हैं और इससे पहले भी शांति व मानवीय मूल्यों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इसी तरह के मिशन पर निकल चुके हैं। 

"मणिपुर में हालिया हिंसा और जारी तनाव से बहुत दुखी हूं"

लालबियाकथांगा ने कहा कि पिछले कुछ दिन में पड़ोसी राज्य मणिपुर में हुई जातीय हिंसा से उन्हें गहरा धक्का लगा है। पूर्व सरकारी कर्मचारी लालबियाकथंगा ने कहा, ''मणिपुर में हालिया हिंसा और जारी तनाव से मैं बहुत दुखी हूं, इसलिए मैंने शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए पदयात्रा का फैसला किया।" हाल के दंगों में सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक चुराचांदपुर के रास्ते इंफाल तक पहुंचने के लिए लालबियाकथंगा को दो सप्ताह में लगभग 450 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। 

"पहले चुराचांदपुर शहर पहुंचेंगे और फिर इंफाल जाएंगे"

उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम के लिए जब भी वह मानव बस्तियों तक नहीं पहुंच पाएंगे, तो सड़क के किनारे ही सो जाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं सबसे पहले यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर आइजोल जिले के तुईखुरहलू गांव में रात गुजारूंगा। वहां से मैं सैतुअल जिले और मणिपुर के लिए रवाना हो जाऊंगा। मुझे कभी-कभी रात में सड़क के किनारे विश्राम करना पड़ेगा।" लालबियाकथांगा ने कहा कि वह पहले चुराचांदपुर शहर पहुंचेंगे और फिर इंफाल जाएंगे। 

पिछले साल उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ‘वॉकथॉन’ मिशन शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने मिजोरम के सभी 11 जिलों के कम से कम 118 गांवों का दौरा करते हुए 40 दिनों में 1,212 किलोमीटर की दूरी तय की थी। वह 1997 में एक मिशन पर निकले थे और कम से कम 50 गांवों की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने छात्रों के बीच पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाई थी। 

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