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Hindi News भारत राष्ट्रीय केरल में मानसूनी बारिश का कहर, तीन लोगों की मौत, हजारों लोग विस्थापित

केरल में मानसूनी बारिश का कहर, तीन लोगों की मौत, हजारों लोग विस्थापित

केरल में मानसूनी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं।

केरल में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त- India TV Hindi Image Source : पीटीआई केरल में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त

तिरुवनंतपुरम : केरल में मानसून की बारिश कहर बरपा रही है। राज्य में वर्षा जनित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं। मौसम विभाग ने आज के लिए कन्नौर और कसारगोड जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ तथा सात अन्य जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया। हालांकि उसने यह संकेत दिया कि अगले कुछ दिनों में वर्षा की तीव्रता कम हो सकती है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से अलर्ट रहने को कहा

खराब मौसम के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से चौकन्ना रहने की अपील की क्योंकि राज्य के विभिन्न भागों में आकस्मिक बाढ़ आने , भूस्खलन होने तथा आंधी-तूफान चलने की आशंका है। विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि पथानमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, मलप्पुरम और कासरगोड जिलों में कुल 47 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और 879 लोगों को वहां स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि भारी बारिश जारी रहने के कारण अचानक बाढ़ आने, भूस्खलन होने और निचले इलाकों में जलभराव की संभावना है और इसलिए लोगों और सरकारी एजेंसियों को सतर्क रहना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।

बारिश से कई मकान क्षतिग्रस्त

बारिश की वजह से पेड़ उखड़ने के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए या नदी में जलस्तर बढ़ने से आई बाढ़ में बह गये जिससे बेघर हुए लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। पिछली रात से लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य के विभिन्न जिलों में कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के बाद इडुक्की जिले में मलंकारा बांध तथा कुछ अन्य बांधों के द्वार अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए खोल दिए गए। अन्य कई बांधों में जल स्तर में गिरावट देखी गई । 

नदियों और बांधों में जलस्तर बढ़ा

पिछले कुछ दिनों में पूरे केरल में लगातार भारी बारिश होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। जगह जगह सड़कें पानी में डूबी हैं, नदियों और बांधों में जल स्तर बढ़ गया है, पेड़ उखड़ने से घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और तटीय इलाकों में भी समुद्री लहरों के कारण मकानों को नुकसान हुआ है। (इनपुट-भाषा)

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