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Hindi News भारत राष्ट्रीय Noida Supertech Twin Towers Demolition: 28 अगस्त को ही क्यों लिया गया था इन ट्विन टावर्स को गिराने का फैसला? सामने आई ये बड़ी वजह

Noida Supertech Twin Towers Demolition: 28 अगस्त को ही क्यों लिया गया था इन ट्विन टावर्स को गिराने का फैसला? सामने आई ये बड़ी वजह

Supertech Twin Towers Demolition: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज सुपरटेक के ट्विन टावर्स को कुछ घंटे के बाद ही गिरा दिया जाएगा। इन टावर्स का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया।

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Highlights

  • ट्विन टावर्स को 31 अगस्त 2021 को अवैध घोषित कर दिया था
  • 1,200 से 1,300 ट्रक में मलबे को भर साइट से बाहर निकालना होगा
  • 4,000 टन लोहा और इस्पात निकलने की संभावना है

Supertech Twin Towers Demolition: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज सुपरटेक के ट्विन टावर्स को कुछ घंटे के बाद ही गिरा दिया जाएगा। इन टावर्स का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया। इसी फैसले के साथ भ्रष्ट्राचार की इमारत महज 9 सेकंड में धराशाही हो जाएगी। क्या आपके मन ये सवाल है कि आखिर रविवार के दिन ही इस टावर्स को गिराने का फैसला क्यों लिया गया। टावर्स के गिरे हुए मलबे का क्या होगा तो चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं। 

रविवार को ही क्यों गिराने का फैसला लिया गया है?
सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर्स को 31 अगस्त 2021 को अवैध घोषित कर दिया था। टावर्स को गिराने के लिए कई तारीख तय की गईं लेकिन किसी न किसी कारण से तारीख को टाल दिया जाता था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला लिया और आदेश दिया कि इसे 28 अगस्त 2022 को गिराया जाएगा। अब आपके मन में सवाल आया होगा कि रविवार के दिन ही क्यों? आपको बता दें कि रविवार के दिन सभी प्राईवेट और सरकारी संस्थान बंद रहते हैं। ट्रैफिक का दवाब कम होता है। ऐसे में भीड़ भाड़ होने का चांस नहीं रहता। इन टावर्स के अगल-बगल रहने वाले लोगों को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। इस दिन सभी अपने घरों पर मौजूद रहेंगे। इन्हीं कारण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया था।

गिरने के बाद कितना मलबा निकलेगा?
परियोजना अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए अनुमानों के अनुसार, एपेक्स (32 मंजिला) और सेयेन (29 मंजिला) के ध्वस्त से लगभग 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा निकलने की उम्मीद है। इसके अलावा, लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावरों के विध्वंस का प्रभाव दो सोसायटियों  एमराल्ड कोर्ट और आस-पास के एटीएस विलेज पर होगा। 

मलबे और कचरे का क्या होगा? 
इस संबंध में अधिकारिंयो ने बताया कि लगभग 1,200 से 1,300 ट्रक में मलबे को भर साइट से बाहर निकालना होगा। नोएडा प्राधिकरण के पास सेक्टर 80 में एक निर्माण और ध्वस्त अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र है, जिसकी क्षमता प्रति दिन 300 टन है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि हालांकि मलबे को बाहर निकालने के लिए यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इसे वहां संसाधित किया जाएगा या नहीं। अधिकारियों के मुताबिक सारा मलबा बेकार नहीं जाएगा। इस ध्वस्त से लगभग 4,000 टन लोहा और इस्पात निकलने की संभावना है, जिसे एडिफिस ने ध्वस्त लागत के एक हिस्से की वसूली के लिए उपयोग करने की योजना बनाई है। एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की सुरक्षा के लिए दोनों सोसायटियों में जियो टेक्सटाइल कवरिंग भी होगी। इस पूरी प्रक्रिया में 110 किलोमीटर लंबाई में गैल्वेनाइज्ड आयरन और जियो टेक्सटाइल से बनी करीब 225 टन तार वाली जाली का इस्तेमाल किया जाएगा।

नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (योजना) इश्तियाक अहमद ने पीटीआई के हवाले से कहा कि 21,000 क्यूबिक मीटर मलबा पांच से छह हेक्टेयर की एक अलग भूमि पर डंप किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बचा हुआ मलबा ट्विन टावरों के बेसमेंट क्षेत्रों में डाला जाएगा जहां एक गड्ढा बनाया गया है। अहमद ने आगे बताया कि, "ध्वस्त के बाद के मलबे को नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार वैज्ञानिक रूप से प्रबंधित किया जाएगा। इस पर अंतिम निर्णय क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लिया जाएगा, जो मलबे प्रबंधन पर एडिफिस इंजीनियरिंग की एक रिपोर्ट की जांच कर रहा है।"

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