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Hindi News भारत राष्ट्रीय President of india Draupadi Murmu: 'मेरा राष्ट्रपति बनना इस बात का प्रमाण कि गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है'- द्रौपदी मुर्मू, पढ़िए महामहिम के संबोधन की 10 खास बातें

President of india Draupadi Murmu: 'मेरा राष्ट्रपति बनना इस बात का प्रमाण कि गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है'- द्रौपदी मुर्मू, पढ़िए महामहिम के संबोधन की 10 खास बातें

President of india Draupadi Murmu: देश के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल से देश को संबोधित किया।

President of India Draupadi Murmu- India TV Hindi Image Source : INDIA TV President of India Draupadi Murmu

Highlights

  • देश की 15 वीं राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू
  • संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दिलाई गई शपथ
  • देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी नागरिक

President of india Draupadi Murmu: राष्ट्रपति पद की शपथ लेने बाद द्रौपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रनायक बन गईं। इसके साथ ही वे देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली आदिवासी समाज की पहली व्यक्ति हैं। आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को पहली बार संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश के समस्त नागरिकों का धन्यवाद जताया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरा देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचना इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज देश का युवा न केवल अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं बल्कि भविष्य के भारत की नींव भी रख रहे हैं। उन्होंने कहा देश के राष्ट्रपति के तौर पर युवाओं को मेरा पूरा सहयोग रहेगा।

संबोधन की शुरुआत में उन्होंने देश की संसद और देशवासियों का आभार जताया और कहा कि आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे। उन्होंने आगे कहा कि, "भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।"

आजादी के बाद जन्मी देश की पहली राष्ट्रपति 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, "मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है। मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।"

पढ़िए राष्ट्रपति के संबोधन की 10 खास बातें - 

  •  हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है। 
  •  मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गाँव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूँ, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी।
  •  हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।
  • राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। मेरे निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।
  • संविधान के आलोक में, मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श और सभी देशवासी हमेशा मेरी ऊर्जा के स्रोत रहेंगे।
  • रानी लक्ष्मीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी गाइदिन्ल्यू और रानी चेन्नम्मा जैसी अनेकों वीरांगनाओं ने राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रनिर्माण में नारीशक्ति की भूमिका को नई ऊंचाई दी थी।
  • संथाल क्रांति, पाइका क्रांति से लेकर कोल क्रांति और भील क्रांति ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को और सशक्त किया था। सामाजिक उत्थान एवं देश-प्रेम के लिए ‘धरती आबा’ भगवान् बिरसा मुंडा जी के बलिदान से हमें प्रेरणा मिली थी।
  •  मैं चाहती हूं कि हमारी सभी बहनें व बेटियां अधिक से अधिक सशक्त हों तथा वे देश के हर क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाती रहें।
  • मैं अपने देश के युवाओं से कहना चाहती हूं कि आप न केवल अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं बल्कि भविष्य के भारत की नींव भी रख रहे हैं। देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरा हमेशा आपको पूरा सहयोग रहेगा।
  • जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सब के विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा व लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी।

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