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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसान सोमवार को ‘विश्वासघात दिवस’ मनाएंगे, राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा

किसान सोमवार को ‘विश्वासघात दिवस’ मनाएंगे, राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार ने दिल्ली में जो भी वादा किया है उसे पूरा करें। हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से ख़ुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज़ होगी तो किसी और को वोट देगी।

किसान सोमवार को ‘विश्वासघात दिवस’ मनाएंगे, राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO किसान सोमवार को ‘विश्वासघात दिवस’ मनाएंगे, राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा

Highlights

  • राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  • सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ 31 जनवरी को देशव्यापी "विश्वासघात दिवस" मनाया जाएगा
  • अपने इस आंदोलन के लिए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से बकायदा एक पोस्टर भी जारी किया है

नोएडा (उत्तर प्रदेश): केंद्र पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सोमवार को कृषि मुद्दों पर देश भर में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाया जाएगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रविवार को दावा किया कि नौ दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए। 

राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ 31 जनवरी को देशव्यापी ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाया जाएगा। सरकार के नौ दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है।’’

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार ने दिल्ली में जो भी वादा किया है उसे पूरा करें। हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से ख़ुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज़ होगी तो किसी और को वोट देगी।

बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर एक साल से अधिक समय तक सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया। 

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