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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'राहुल पहले अडानी को लेकर मेरे 5 सवालों का जवाब दें', स्मृति ईरानी ने 'आप की अदालत' में रजत शर्मा से कही ये बात

'राहुल पहले अडानी को लेकर मेरे 5 सवालों का जवाब दें', स्मृति ईरानी ने 'आप की अदालत' में रजत शर्मा से कही ये बात

स्मृति ईरानी ने कहा, मोदी चुप बैठे हैं, क्योंकि वह प्रधान सेवक हैं। उनको विष का एक-एक घूंट हर दिन पीना पड़ता है। जहां तक बात अडानी की है तो अगर कभी राहुल गांधी भूले बिसरे मिल गए तो उनसे पांच चीजें पूछिए।

Smriti Irani- India TV Hindi Image Source : INDIA TV स्मृति ईरानी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जेपीसी जांच की मांग करने से पहले अडानी ग्रुप को लेकर पांच सवालों का जवाब देने की चुनौती दी है। स्मृति आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित होने वाले रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में सवालों का जवाब दे रही थीं।

स्मृति ईरानी ने कहा, 'मोदी चुप बैठे हैं, क्योंकि वह प्रधान सेवक हैं। उनको विष का एक-एक घूंट हर दिन पीना पड़ता है। जहां तक बात अडानी की है तो अगर कभी राहुल गांधी भूले बिसरे मिल गए तो उनसे पांच चीजें पूछिए। पॉइंट नंबर वन, जब उनकी माताजी यूपीए सरकार की मुखिया थीं,  तो क्या उनकी सरकार ने अडानी को 72 हजार करोड़ का लोन एक्सटेंड किया था?  दूसरा सवाल, जिन गहलोत साहब (राजस्थान के मुख्यमंत्री) को राहुल जी बहुत प्रेम करते हैं, क्या उनके साथ 60 हजार करोड़ का इंडस्ट्रियल पैकेज अडानी जी ने राहुल जी के आशीर्वाद से किया था? तीसरा प्रश्न, जो उनको प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैसे बोलना है सिखाते हैं, क्या उनके माध्यम से छत्तीसगढ़ में कोल का काम करने के लिए अडानी समूह को विशेष प्रावधान सहायता सहयोग कांग्रेस के शासन में हुआ था? और चौथा प्रश्न, जब 1990 के दशक में चिमन लाल जी (गुजरात के तत्कालीन सीएम) ने पोर्ट बनाने के लिए अडानी को गुजरात में जमीन दी तब क्या मनमोहन सिंह वित मंत्री थे? पांचवां सवाल,  1985 में AXIM पॉलिसी राजीव गांधी ने बनाई और अडानी ट्रेडिंग हाउस बन गया। राजीव गांधी कौन हैं?

केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके मृत माता-पिता पर व्यक्तिगत हमले करने के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के एक नेता ने पंजाब में कहा कि अडानी-अंबानी केवल 'बहाना' हैं, मुख्य लक्ष्य है: मोदी को खत्म करो। राहुल गांधी ने इस बयान पर कोई आपत्ति नहीं जताई। कांग्रेस नेता दिल्ली हवाई अड्डे पर  हवाई जहाज के पास बैठ गए और नारेबाजी की - 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी'। ये लोकतंत्र की ताकत देखना चाहते हैं, कांग्रेस के अपने ही लोग खुलेआम प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। और हमारे प्रधान सेवक मुस्कुराते हुए अपना काम करते हैं। प्रधानमंत्री के मृत माता-पिता का मजाक उड़ाया जाता है क्या? जब मोदीजी की मां 100 साल की उम्र में चल बसीं तो कांग्रेसियों ने क्या किया? मैं यहां (इस शो में) बैठे युवाओं से पूछना चाहती हूं कि अगर कोई आपके माता-पिता को गाली दे तो आप क्या करेंगे? क्या आप चुप रहेंगे ? लेकिन मोदीजी चुप रहे, क्योंकि वह प्रधान सेवक हैं। उन्हें रोज जहर की एक-एक बूंद पीनी पड़ती है।"

स्मृति ईरानी ने कहा, विदेशों में भारत का अपमान करने के लिए राहुल को माफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी या कांग्रेस गलती करे और भुगतान करे जनता ? देश का टैक्स पेयर उनकी गलतियों को क्यों भुगते ? विदेश में जाकर देश को बदनाम किया, झूठ बोला। विदेशी ताकतों का आवाहन कर दिया कि आओ (हस्तक्षेप करो)। आज हम विश्व की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गए हैं। हमारी इकोनॉमी का और बड़ा होना, मतलब इनका युवाओं का भविष्य उज्जवल होना है। राहुल गांधी ने लंदन में जाकर युवापीढ़ी पर हमला किया है। हम तो लड़ लेते है संसद में , हम लड़ लेते हैं चुनाव की युद्ध भूमि पर , लेकिन इनके (युवाओं) भविष्य पर हमला किया है। देश को आर्थिक प्रतिबंधों का सामना क्यों नहीं करना पड़ रहा है, ये उनकी दुखती रग है। अगर हिंदुस्तान पर कोई भी विदेशी ताकत कटाक्ष करती है तो हिंदुस्तान के अर्थतंत्र पर हमला होता है,  इन (युवाओं) के सपने धूमिल होते हैं। ये सिर्फ देश पर और मोदी पर नहीं नौजवान पीढ़ी पर धावा बोला गया है। आपको लगता है हम चुपचाप बैठकर तमाशा देखते रहेंगे ? 

रजत शर्मा : लेकिन संसद नहीं चलने देंगे ?

स्मृति ईरानी : 'हम तो चलने दे रहे हैं। वो क्यूं नहीं आकर माफी मांगते? अब संसद तो कुछ सांसदों का जमावड़ा है लेकिन उस पर ध्वजा हिंदुस्तान का लहराता है , वह तिरंगा इतनी आसानी से नहीं लहरा रहा है उसके लिए लाखों लोगों ने अपनी जानें गवायी हैं।

रजत शर्मा : लेकिन राहुल कहते हैं कि संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता, माइक बंद कर दिया जाता है? 

स्मृति ईरानी :- अगर आप उनकी संसद की गतिविधि को देखें, ऐसे व्यक्ति को राहुल गांधी को गांधी खानदान ने चुनकर भेजा है संसद में, जिसने सार्वजनिक वक्तव्य दिया -'चार - छह मारो' , सब इस बात के साक्षी हैं। देश के उपराष्ट्रपति चेयरमैन हैं राज्यसभा के। देश में कभी ऐसा नहीं हुआ। टेबल पर चढ़कर उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर किताबें फेंको , कागज़ फेंको। वे देश के उपराष्ट्रपति हैं। हाउस के स्पीकर हैं। हमारे या बीजेपी के स्पीकर नहीं हैं। वे आपलोग हैं जिनके हम जनप्रतिनिधि,  नौकर बनकर जाते हैं। हम आपके नौकर हैं। और आप के जो नौकर हैं , जो लोकसभा में जाते हैं तब राहुल गांधी और सोनिया जी निर्देश के मुताबिक कागज़ फाड़कर स्पीकर के चेहरे पर फेंका जाता है। क्या वह जनता को स्वीकार्य है ?

रजत शर्मा: लेकिन वो कहते हैं कि संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता , माइक बंद कर दिया जाता है?

स्मृति ईरानी :- नहीं, माइक कहां से बंद होगा ?  किस-किस ने कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी, (राहुल) अकेले बोल पाए क्या ? जिसको बोलने में असिस्टेंट की जरूरत है, और मैं कहना चाहती हूं, आप जाकर देखिए उस वक्तव्य को, पता है उन्होंने  क्या कहा? उन्होंने कहा कि उनका दुर्भाग्य है कि वो संसद के सदस्य हैं, ये सब जनता है, पब्लिक है भैया, सब जानती है।

स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कैसे गांधी परिवार ने 40 साल तक अमेठी निर्वाचन क्षेत्र की उपेक्षा की। उन्होंने कहा, 'मैं अमेठी के लोगों के पैरों पर राहुल गांधी की नाक रगड़वाऊंगी।'

उन्होंने कहा: 'आठ साल पहले कहा जाता था 'स्मृति कौन'? ईश्वर के आशीर्वाद से वही स्मृति, जिसके बारे में वे अशोभनीय टिप्पणी करते थे और उसके व्यक्तित्व को स्वीकार करने से इनकार करते थे, अब उनके लिए सिरदर्द बन गई है। वो पूरी सेना अमेठी के एक छोटे से सांसद के पीछे पड़ी है। यही उनका दुखती रग है। मैंने अमेठी में उनके 40 साल पुराने साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया। जिस व्यक्ति को वे अपनी राजनीतिक विरासत का बेताज बादशाह कहकर गुणगान कर रहे थे, वह अब सड़कों पर चल रहा है। मैंने उन्हें चुनौती देने की हिम्मत की और मैं सजा भुगतने के लिए तैयार हूं। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, मैंने 'आप की अदालत' में कहा था कि अगर मुझे कांग्रेस के गुंडों की कीमत चुकानी पड़े, तो मैं चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। राहुल जी ने सांसद रहते हुए अमेठी की जनता का अपमान किया है। उन्होंने अमेठी को आगे नहीं बढ़ने दिया। अगर मैंने अमेठी के लोगों के पांवों पर नाक न रगड़वाई तो मेरा नाम स्मृति ईरानी नहीं।'

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