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Hindi News भारत राष्ट्रीय Teesta Setalvad: जेल से आजाद हुईं तीस्ता सीतलवाड़, 26 जून से साबरमती सेंट्रल जेल में थीं बंद

Teesta Setalvad: जेल से आजाद हुईं तीस्ता सीतलवाड़, 26 जून से साबरमती सेंट्रल जेल में थीं बंद

Teesta Setalvad: सुप्रीम कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत मंजूर किए जाने के एक दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया।

Teesta Setalvad released from Sabarmati Central Jail- India TV Hindi Image Source : PTI Teesta Setalvad released from Sabarmati Central Jail

Highlights

  • सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ जेल से रिहा
  • सुप्रीम कोर्ट ने कल की थी अंतरिम जमानत मंजूर
  • 26 जून को गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में थीं बंद

Teesta Setalvad: सुप्रीम कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत मंजूर किए जाने के एक दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। शीर्ष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों में ''निर्दोष लोगों'' को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत शुक्रवार को मंजूर कर ली थी। सीतलवाड़ 26 जून को गिरफ्तारी के बाद से ही यहां साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद थीं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जमानत की औपचारिकताओं के लिए सीतलवाड़ को सेशन कोर्ट वी ए राणा के समक्ष पेश किया गया था। 

SC ने की गुजरात हाई कोर्ट के खिलाफ सख्त टिप्पणियां 
विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने कहा, "सत्र अदालत ने शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के अलावा दो अन्य शर्तें भी लगाईं। सत्र अदालत ने आरोपी सीतलवाड़ को 25,000 रुपये का निजी मुचलका भरने और उसकी पूर्व अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ने का आदेश दिया।" शीर्ष अदालत ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका को सूचीबद्ध करने में देरी को लेकर गुरुवार को गुजरात हाई कोर्ट के खिलाफ सख्त टिप्पणियां की थी। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस.रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सीतलवाड़ को गुजरात उच्च न्यायालय में नियमित जमानत याचिका पर निर्णय होने तक अपना पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा कराने का निर्देश दिया। 

"क्या इस महिला को अपवाद समझा गया है?"
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा सीतलवाड़ की जमानत याचिका को सूचीबद्ध करने में देरी का कारण जानना चाहा था और पूछा था कि क्या ‘इस महिला को अपवाद समझा गया है।’ न्यायालय ने इस बात पर भी अचरज जाहिर किया था कि आखिरकार उच्च न्यायालय ने सीतलवाड़ की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के छह सप्ताह बाद 19 सितंबर को याचिका सूचीबद्ध क्यों की थी। जकिया जाफरी मामले में शीर्ष अदालत के 24 अगस्त के फैसले के बाद सीतलवाड़ के खिलाफ दर्ज मामले का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आज यह मामला जहां पहुंचा है, वह केवल (उच्चतम) न्यायालय में जो कुछ घटित (फैसला) हुआ, उसकी वजह से है।’’ सीतलवाड़ को फैसला सुनाये जाने के एक दिन बाद 25 जून को गिरफ्तार किया गया था।

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