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Hindi News भारत राजनीति 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए यह है PM मोदी का ‘मास्टरप्लान’, CMs के साथ की बैठक

2019 के लोकसभा चुनावों के लिए यह है PM मोदी का ‘मास्टरप्लान’, CMs के साथ की बैठक

बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्रियों की इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एवं कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया...

Narendra Modi | AP Photo- India TV Hindi Narendra Modi | AP Photo

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर आम सहमति बनाने के मुद्दे पर चर्चा की गई। इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सरकार की महत्वाकांक्षी गरीब कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्रियों से 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए व्यापक योजना के साथ तैयार रहने को भी कहा गया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बुधवार को कहा, ‘बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के विषय पर चर्चा की गई। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव साथ कराने के बारे में हमारे विचारों को सुना।’ यह विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़ाया है जो देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि साल भर कहीं न कहीं चुनाव होते हैं और आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य प्रभावित होता है। बैठक में प्रधानमंत्री ने इसकी जरूरत को रेखांकित किया। राज्यों से पहले ही कहा गया है कि इस विषय पर जागरूकता फैलाएं और दूसरे दलों के नेताओं के साथ चर्चा करें। बीजेपी मुख्यालय में बुधवार को 5 घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद देर रात सिंह ने कहा था, ‘हमने सुशासन के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की और मुख्यमंत्रियों ने बताया कि वे इस दिशा में काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि अगले वर्ष तक हर घर में बिजली पहुंचाने और 2022 तक सभी परिवारों को घर मुहैया कराने की भी समीक्षा की गई।

बीजेपी के एक उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने प्रदेश में केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं के बारे में प्रस्तुति दी और आगे की कार्ययोजना पेश की। बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय बजट में प्रस्तावित योजनाओं को आने वाले समय में अपने-अपने प्रदेशों में लागू करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि गरीब कल्याण योजनाएं बिना किसी अवरोध के जरूरतमंदों तक पहुंचे। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन भी राज्यों के माध्यम से होता है, लिहाजा पार्टी इसमें कोई चूक नहीं होने देना चाहती है। बैठक में पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की समीक्षा की और जनता के बीच इसके प्रभाव का आकलन किया।

बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्रियों की इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एवं कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्रियों के साथ व्यापक चर्चा की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही समय पहले राजस्थान में लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा जबकि बुधवार को मध्य प्रदेश और ओडिशा में विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा साल 2018 में भी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसमें से कुछ राज्यों में भाजपा की सरकार हैं। इन परिस्थितियों में सरकार और पार्टी दोनों की कोशिश है कि केंद्र सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है।

इस वक्त देश के 19 राज्यों में भाजपा या फिर सहयोगियों के साथ उसकी सरकारें हैं। पार्टी का मानना है कि अगर राज्यों में केंद्र सरकार की योजनाओं को अमली जामा पहना दिया जाए तो फिर इसका व्यापक असर पड़ेगा। 2018-19 के आम बजट में केंद्र सरकार ने गांव, गरीब और किसान पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। ऐसे में पार्टी का जोर इस बात पर है कि बजट के प्रावधानों को धरातल पर उतारा जाए। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, नितिन गडकरी ने भी हिस्सा लिया। बैठक में शामिल भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान, रमण सिंह, वसुंधरा राजे, देवेन्द्र फड़णवीस, योगी आदित्यनाथ, विजय रूपाणी, सर्वानंद सोनोवाल, रघुवर दास, मनोहर लाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केशव प्रसाद मौर्य, निर्मल सिंह आदि शामिल थे।

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