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Hindi News भारत राजनीति Ghulam Nabi Azad Resigns: गुलाम नबी आजाद को प्रताड़ित कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, भाजपा नेता रवींद्र रैना का बड़ा बयान

Ghulam Nabi Azad Resigns: गुलाम नबी आजाद को प्रताड़ित कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, भाजपा नेता रवींद्र रैना का बड़ा बयान

Ghulam Nabi Azad Resigns: दिल्ली स्थित भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए रवींद्र रैना ने कहा कि गुलाम नबी आजाद बड़े नेता थे, जिन्होंने सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में खून-पसीना बहाकर कांग्रेस को उंचाईयों पर ले जाने के लिए काम किया।

Ravindra Raina- India TV Hindi Image Source : ANI Ravindra Raina

Highlights

  • जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना का बयान
  • गुलाम नबी आजाद पार्टी को अपना खून पसीना बहाकर उंचाईयों पर ले गए
  • बदले में पार्टी ने आजाद को प्रताड़ित कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया

Ghulam Nabi Azad Resigns: जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कांग्रेस आलाकमान पर गुलाम नबी आजाद को प्रताड़ित कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पहले डूबता हुआ जहाज था लेकिन अब यह पूरी तरह से डूब गया है। दिल्ली स्थित भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए रवींद्र रैना ने कहा कि गुलाम नबी आजाद बड़े नेता थे, जिन्होंने सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में खून-पसीना बहाकर कांग्रेस को उंचाईयों पर ले जाने के लिए काम किया लेकिन उन्हे लगातार प्रताड़ित कर, अपमानित कर कांग्रेस से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि इससे यह साबित होता है कि कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के अलावा किसी और नेता के लिए कोई जगह नहीं है, उनका कोई वजूद नहीं है और यह सिर्फ परिवार की ही पार्टी है।

पार्टी का रिमोट कंट्रोल एक ही परिवार के हाथ में -रैना

रैना ने आजाद के इस्तीफे को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका करार देते हुए आगे कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, लेकिन आजाद जैसे बड़े कद के नेता का पार्टी छोड़ना निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी डूबता हुआ जहाज था लेकिन अब यह पार्टी पूरी तरह से डूब चुकी है और कांग्रेस का बंटाधार हो चुका है। आजाद के इस्तीफे ने कांग्रेस का सच सामने ला दिया है कि वहां लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है और इस पार्टी का रिमोट कंट्रोल एक ही परिवार के हाथ में है। हालांकि उनके भाजपा में आने के सवाल को टालते हुए रैना ने कहा कि यह उनका (आजाद) निजी मामला है कि वो अपने भविष्य को लेकर क्या फैसला करते हैं ? किस पार्टी में शामिल होते हैं ?

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