A
Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Shahjahanpur News: मौत के 7 महीने बाद भी विदेश से नहीं आ पाया शाहजहांपुर के युवक का शव, परिजन भारत में करना चाहते हैं अंतिम संस्कार

Shahjahanpur News: मौत के 7 महीने बाद भी विदेश से नहीं आ पाया शाहजहांपुर के युवक का शव, परिजन भारत में करना चाहते हैं अंतिम संस्कार

Shahjahanpur News: पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनंद ने बताया कि मोहम्मद आलम (35) नौकरी करने जेद्दा गए थे और उनके परिजन यहां रहते हैं। उन्होंने बताया कि सात महीन पहले आलम की मौत हो गई।

Representative image- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Representative image

Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से नौकरी करने जेद्दा गए एक युवक की वहीं मौत हो गई और मौत के सात माह बाद भी उसके शव को भारत नहीं लाया जा सका। परिजन उसका शव अपने देश में लाकर उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, लेकिन मृतक युवक की पत्नी ने जेद्दा में ही अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनंद ने बताया कि मोहम्मद आलम (35) नौकरी करने जेद्दा गए थे और उनके परिजन यहां रहते हैं। उन्होंने बताया कि सात महीन पहले आलम की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया उन्होंने मृतक के परिजनों को ढूंढ कर उन्हें दूतावास द्वारा भेजी गई सूचना तथा सहमति पत्र के बारे में भी बता दिया जिसके बाद मृतक की मां और भाई ने इसको लेकर सहमति दे दी कि वे चाहते हैं कि उनके भाई का शव यहां भारत लाया जाए। उन्होंने बताया कि वहीं मृतक की पत्नी फरहीन ने जेद्दा में रह रहे अपने किसी परिचित को अधिकृत पत्र भेज दिया है कि वह उसके पति का अंतिम संस्कार जेद्दा में ही कर दे। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी द्वारा भेजे गए अधिकृत पत्र में यह कहा गया है कि वह दूतावास को बताकर शव प्राप्त कर सकते हैं और वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए क्योंकि काफी समय से उनके पति का शव वहीं के एक मेडिकल सेंटर में रखा हुआ है। 

30 मार्च को हो गई थी मौत

आनंद ने बताया कि मृतक के परिवार की भावनाएं और इच्छा के तहत ही वह मृतक के परिजनों की पूरी मदद कर रहे हैं और उन्हें सारी स्थिति से अवगत भी करा दिया गया है। शहर के थाना कोतवाली अंतर्गत मोहम्मद शाह मोहल्ले में रहने वाले आफताब आलम ने 'पीटीआई भाषा' को बताया कि उनका भाई मोहम्मद आलम जेद्दा में नौकरी करने के लिए 2013 में गया था और इस दौरान वह समय-समय पर अपने घर शाहजहांपुर आता रहा लेकिन कोविड-19 के बाद जब वह गया तो इसी वर्ष 30 मार्च को उसकी वहीं मौत हो गई। आफताब ने बताया कि इसकी सूचना उन्हें 24 अगस्त को मिली। उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास के माध्यम से उन्हें सूचना मिली जिसमें यह पूछा गया था कि वह अपने भाई के शव को भारत लाना चाहता हैं अथवा अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के माध्यम से जेद्दा में ही उसका अंतिम संस्कार कराना चाहते हैं। 

मां का रो-रोकर बुरा हाल

आफताब आलम ने बताया कि इस सूचना पर पांच दिन के अंदर कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए इस आशय की सहमति जेद्दा भेज दी गई कि वह अंतिम संस्कार अपने देश भारत में ही करना चाहते हैं। आफताब ने बताया कि सात महीने के दौरान उनकी पचासी वर्ष की बूढ़ी मां मरियम बेगम की रोते-रोते आंखें पथरा गयी हैं और उन्हें अब आंखों से कम दिखाई देने लगा है। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान उनके यहां ईद, बारावफात सहित कोई त्यौहार भी नहीं मनाया गया। उन्‍होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मेरे भाई का शव यहां लाया जाए और हम लोग उसका अंतिम संस्कार अपने देश भारत में ही करें।'' 

Latest Uttar Pradesh News