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ज्ञानवापी मामला: ASI ने हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, पक्षकारों को एक हफ्ते में देना होगा जवाब

एएसआई (ASI) की तरफ से कहा गया कि अगर कोर्ट उसे सर्वेक्षण का आदेश देती है, तो वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। वह सर्वेक्षण कर दोनों पक्षों के दावे पर अपनी राय दे सकती है।

Gyanvapi Masjid Case- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Gyanvapi Masjid Case

उत्तर प्रदेश: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट में एएसआई (ASI) यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने विवादित परिसर का सर्वेक्षण किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी। ASI के डायरेक्टर जनरल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया।

सर्वेक्षण के लिए एक्सपर्ट मौजूद हैं: ASI

हलफनामे में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने मुख्य रूप से दो बातें कही हैं। पहला यह कि इससे पहले एएसआई (ASI) ने ज्ञानवापी के विवादित परिसर का कभी सर्वेक्षण नहीं किया है। एएसआई ने देश में अब तक जिन पुरातात्विक स्थलों का सर्वे किया है उसकी सूची भी कोर्ट को सौंपी है। दूसरी बात यह कि एएसआई ने कहा है कि उनके पास सर्वेक्षण के लिए एक्सपर्ट मौजूद हैं, ऐसे में एएसआई इस विवादित परिसर का सर्वेक्षण कर सच्चाई का पता लगा सकने में पूरी तरह सक्षम है। 

केस से जुड़े पक्षकार अपनी दलीलें पेश करेंगे 

एएसआई की तरफ से कहा गया कि अगर कोर्ट उसे सर्वेक्षण का आदेश देती है, तो वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। वह सर्वेक्षण कर दोनों पक्षों के दावे पर अपनी राय दे सकती है। एएसआई ने सर्वेक्षण कराए जाने के मामले में कोर्ट में अपनी मंजूरी दे दी है। एएसआई के हलफनामे पर अब केस से जुड़े पक्षकार अपनी दलीलें पेश करेंगे। कोर्ट ने पक्षकारों को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी

हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। हिंदू पक्ष की तरफ से अब सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील सीएस वैद्यनाथन हाई कोर्ट में पक्ष रखेंगे। वैद्यनाथन ने विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में हिंदू पक्ष का केस लड़ने के लिए अपनी मंजूरी दी है। वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन अयोध्या राम जन्म भूमि विवाद में भी सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की पैरवी कर चुके हैं। वैद्यनाथन ने अयोध्या मंदिर विवाद में रामलला का केस लड़ते हुए हिंदू पक्ष को जीत दिलाई थी। 

मुकदमे की सुनवाई के समय में बदलाव 

वैद्यनाथन की वजह से ही कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई के समय में भी बदलाव किया है। 11 नवंबर को इस मुकदमे की सुनवाई दोपहर 12 से जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में होगी। पिछले काफी दिनों से इस मामले की सुनवाई दोपहर 2:00 बजे से शुरू होती थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला कोर्ट के एएसआई (ASI) के सर्वे पर लगी रोक 30 नवंबर तक बढ़ा दी है।

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