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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Chanakya Niti: इन चीजों की न करें अति, वरना जीना हो जाएगा दूभर

Chanakya Niti: इन चीजों की न करें अति, वरना जीना हो जाएगा दूभर

आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति को एक सीख दी है कि कैसे किसी भी चीज की अति करना उनके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

Chankya Niti In Hindi- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Chankya Niti In Hindi

Highlights

  • आचार्य चाणक्य की हर नीति जीवन का एक नया सलीका देती है
  • आचार्य चाणक्य ने किसी चीज में अति को लेकर क्या कहा

आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक के साथ-साथ चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी जाने जाते है। आचार्य चाणक्य ने हमारे जीवन संबंधी कई नीतियां बताई है। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने इंसान को इस बात के लिए सतर्क किया है कि कभी भी किसी चीज को लेकर अति नहीं करना चाहिए। अति यानी किसी भी चीज को हद से ज्यादा करना।  वरना अंत में आपका विनाश बहुत ही बुरी तरीके से होता है।

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 श्लोक 
अति रूपेण वै सीता चातिगर्वेण रावणः।

अतिदानाद् बलिर्बद्धो ह्यति सर्वत्र वर्जयेत्॥

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भावार्थ :
अधिक सुन्दरता के कारण ही सीता का हरण हुआ था, अति घमंडी हो जाने पर रावण मारा गया तथा अत्यन्त दानी होने से राजा बलि को छला गया । इसलिए अति सभी जगह वर्जित है।

आचार्य इंदु प्रकाश ने अपनी इस नीति में कहने की कोशिश की है कि हर एक चीज की एक सीमा होती है। जिस तरह मां सीता इतनी ज्यादा सुंदर थी कि उनके मनमोहक रूप देखकर उनका हरण हुआ। वहीं अधिक घमंड होने के कारण रावण जैसे बलशाली का भी अंत हो गया। वहीं अधिक दान करने के कारण राजा बलि जैसे व्यक्ति को भी छला गया। इसलिए किसी भी व्यक्ति को प्यार, शत्रुता, मित्रता आदि में भी अति नहीं करना चाहिए। नहीं तो आने वाले समय में आपको ही हानि होती है। 

इस तरह भोजन को लेकर है। कभी भी अति करके भोजन नहीं करना चाहिए। इससे आपके सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए हर एक चीज को सीमा में रहकर करें। वरना बाद में पछताने का वक्त भी आपको नहीं मिलेगा। 

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