A
Hindi News मध्य-प्रदेश Madhya Pradesh News: लंपी वायरस की चपेट में आधा MP, 100 से ज्यादा गायों की मौत

Madhya Pradesh News: लंपी वायरस की चपेट में आधा MP, 100 से ज्यादा गायों की मौत

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में लंपी वायरस की वजह से 100 से अधिक गायों की मौत होने की खबर है, क्योंकि राज्य के कुल 52 जिलों में से 26 जिलों में यह वायरस पहुंच चुका है।

more than 100 cows died from lumpi virus- India TV Hindi Image Source : PTI more than 100 cows died from lumpi virus

Highlights

  • मध्य प्रदेश में 100 से ज्यादा गायों की मौत
  • मंगलवार तक लगभग 7,686 मवेशी बीमार
  • सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में लंपी वायरस की वजह से 100 से अधिक गायों की मौत होने की खबर है, क्योंकि राज्य के कुल 52 जिलों में से 26 जिलों में यह वायरस पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गायों में घातक बीमारी के मद्देनजर बुधवार को पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान स्थिति की समीक्षा की और बताया कि मंगलवार तक लगभग 7,686 मवेशी इस बीमारी से प्रभावित हैं। जिनमें से 5,432 ठीक हो गए और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 101 मवेशियों की मौत हो गई है।

फैलते बीमारी से राज्य सरकार चिंतित 

हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड के मुकाबले मवेशियों की मौत की संख्या कम से कम पांच गुना अधिक हो सकती है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में लोग अभी भी इस बात से अनजान हैं कि वास्तव में उनके मवेशियों की मौत किस वजह से हुई। उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए चौहान ने प्रदेश के कई हिस्सों में इस बीमारी के फैलने पर चिंता जताई और संबंधित विभागों के अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिये।

राज्य सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

राज्य सरकार ने पशुओं के नि:शुल्क टीकाकरण की घोषणा की है और भोपाल में राज्य स्तरीय रोग नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। पशुपालकों द्वारा आवश्यक जानकारी एवं मार्गदर्शन के लिए कंट्रोल रूम के नम्बर 0755-2767583 एवं टोल फ्री नम्बर 1962 पर सम्पर्क कर प्राप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई की तर्ज पर लंपी वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी जानी चाहिए। पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया जाना चाहिए और केंद्र सरकार के निदेशरें के अनुसार काम किया जाना चाहिए।