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Hindi News मध्य-प्रदेश MP Chunav Results 2023: कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री, सामने आ रहा चौंकाने वाला नाम, क्या कह रहे एक्सपर्ट?

MP Chunav Results 2023: कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री, सामने आ रहा चौंकाने वाला नाम, क्या कह रहे एक्सपर्ट?

तीन राज्यों में बीजेपी प्रचंड जीत की ओर बढ़ गई है। रुझानों के मुताबिक तो मध्यप्रदेश में तो प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी फिर सत्ता में आ रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि एमपी का सीएम कौन होगा? कुछ नाम चौंकाने वाले सामने आए हैं। जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री

MP Chunav Results 2023: मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ इन तीनों राज्यों में चुनाव के परिणाम पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। तीनों राज्यों में बीजेपी प्रचंड जीत की ओर बहुत आगे बढ़ गई है। ऐसे में मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बीजेपी की ओर से कौन बनेगा मुख्यमंत्री? राजनीतिक  दिग्गजों की नजर में कुछ ऐसे नाम हैं, जो आपको चौंका सकते हैं।दरअसल, तीनों राज्यों में बीजेपी ने पीएम मोदी के फेस पर चुनाव लड़ा है। इसलिए दूसरे चेहरे गौण हो गए। ये सच है कि शिवराज की योजनाओं ने मध्यप्रदेश के मतदाताओं पर असर किया, 'लाड़ली लहर' भी चली, लेकिन यह भी सच है कि पार्टी ने उन्हें सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया। पूरी तरह से पीएम मोदी के फेस पर ही चुनाव लड़ा गया। इस बार तो नारा भी चला कि 'मोदी के मन में एमपी, एमपी के मन में मोदी'। जानिए कौन बनेगा सीएम, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की राय। 

इस बार बीजेपी ने 7 सांसदों और एक पार्टी के महासचिव कैलश विजयवर्गी को चुनाव लड़ाया। इससे यह तय हो गया था कि शिवराज के अलावा भी कोई सीएम हो सकता है। इसलिए उन्हें सीएम फेस प्रोजेक्ट नहीं किया गया। इसलिए ये नारा चला कि मोदी के मन में एमपी, एमपी के मन में मोदी। इस नारे ने असर किया और सीएएम फेस कौन होगा, यह बात गौण हो गई। अब ये सवाल उठ रहा है कि मध्यप्रदेश का सीएम कौन होगा?

सीएम पद की रेस में जो नाम विश्लेषक बता रहे हैं वो चौंकाने वाला है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ श्रवण गर्ग बताते हैं कि 'सबसे पहला नाम उनकी नजर में प्रहृलाद पटेल का है। इसका कारण वे बताते हैं कि प्रहृलाद पटेल भी ओबीसी हैं। उनकी छवि निर्विवाद है, महाकौशल से आते हैं, इस इलाके से कोई सीएम नहीं बना है। इस इलाके पर बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है। ये भी बड़ी वजह है। यही नहीं, प्रह्लाद पटेल केंद्रीय मंत्री हैं, शिवराज सिंह के प्रशंसक है। साथ ही प्रह्लाद पटेल एक्सेप्टेबिलीटी है और खास बात है कि पीएम मोदी भी उन्हें पसंद करते हैं।  

कैलाश विजयवर्गीय पर क्या है विश्लेषकों की राय?

कैलाश विजयवर्गीय पर श्रवण गर्ग ने बताया कि वे सीएम पद के लिए उतने ताकतवर नहीं हैं, क्योंकि वे बनेंगे तो शिवराज सिंह उनका विरोध कर सकते हैं। आम एक्सेप्टेबिलिटी नहीं हैं। उनकी छवि माफिया की है, उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय के पुराने मामले के कारण खुद पीएम मोदी कैलाश विजयवर्गीय से खफा रहे हैं। ऐसे में उनका नाम पुरजोर तरीके से सीएम पद के लिए नहीं हा सकता। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ हेमंत पाल ने भी बताया कि कैलाश विजयवर्गीय वे अमित शाह के जरूर खास हैं, लेकिन सीएम पद के लिए आखिरी पसंद हो सकते हैं ​बीजेपी की। 

सिंधिया पर क्या है राय?

राजनीतिक विश्लेषकों ने सिंधिया को भी नकार दिया है। क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई समर्थक प्रत्याशी चुनाव हार गए। वे केंद्र की राजनीति में ही खुद को महफूज मानते हैं। सिंधिया को लेकर बीजेपी में भी अंतरविरोध है। इस कारण उन पर एकराय नहीं बन सकती है। 

सीएम पद के लिए चौंकाने वाले हैं ये नाम भी

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार नरेंद्र तोमर को भी जीत का श्रेय देना चाहिए क्योंकि उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इसलिए प्रचंड जीत मिल रही है। इसलिए उनका नाम भी सीएम पद की रेस में सबसे टॉप में हो सकता है। बीजेपी को 135 सीट से ज्यादा जीत के आसार नहीं नजर आ रहे थे। 150 प्लस होंगे, ये उन्होंने भी नहीं सोचा था। लेकिन बीजेपी को बंपर जीत मिली। इसका श्रेय नरेंद्र तोमर को भी दिया जा रहा है।

ये नाम है सबसे चौंकाने वाला

मध्यप्रदेश में ये नाम भी सबसे ज्यादा चौंका रहा है, वो है फग्गनसिंह कुलस्ते का। फग्गनसिंह कुलस्ते जो आदिवासी नेता है और बीजेपी के काफी वरिष्ठ नेताओं में उनका नाम शुमार है, ऐसे में उनका नाम भी सामने आ रहा है। आदिवासी मतदाताओं में उनकी अच्छी पकड़ है। आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति के रूप में भी उन्हें सीएम बनाया जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान पर भी फिर दांव, जानिए क्यों हैं वे स्ट्रांग कैंडिडेट?

इस बार भले ही उनके नाम पर चुनाव नहीं लड़ा गया, लेकिन शिवराज सिंह भी सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। उन्हीं के चुनाव प्रचार और उन्हीं की लाड़ली बहना योजना को लेकर चुनाव लड़ा गया। बड़ी बात यह है कि उन्हीं के शासनकाल में बीजेपी जीती है। ऐसे में उन्हें फिर सीएम बनाया जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।