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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra Cabinet: चाय बेचकर गुजर बसर करने वाले परिवार में जन्मे चंद्रकांत पाटिल दूसरी बार मंत्री बने

Maharashtra Cabinet: चाय बेचकर गुजर बसर करने वाले परिवार में जन्मे चंद्रकांत पाटिल दूसरी बार मंत्री बने

Maharashtra Cabinet: साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले चंद्रकांत पाटिल 2014-19 के दौरान राजस्व और लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री रह चुके हैं। दो बार विधान पार्षद रहे और पहली बार पश्चिमी महाराष्ट्र से विधायक बने पाटिल को मंगलवार को एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल किया गया।

Chandrakant Patil- India TV Hindi Image Source : PTI Chandrakant Patil

Highlights

  • 2014-19 के दौरान राजस्व और PWD के मंत्री रह चुके हैं पाटिल
  • पाटिल ने किया था ‘चलो कश्मीर’ अभियान का नेतृ्त्व
  • ABVP में रहने के दौरान अमित शाह के संपर्क में आए पाटिल

Maharashtra Cabinet: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) दूसरी बार राज्य में मंत्री बने हैं। 2005 में पाटिल भाजपा में आए और धीरे-धीरे प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा बन गए। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले 63 वर्षीय पाटिल इससे पहले 2014-19 के दौरान राजस्व और लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री रह चुके हैं। दो बार विधान पार्षद रहे और पहली बार पश्चिमी महाराष्ट्र से विधायक बने पाटिल को मंगलवार को एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल किया गया।

पाटिल ने किया था ‘चलो कश्मीर’ अभियान का नेतृ्त्व
मुंबई में चाय बेचकर गुजर-बसर करने वाले परिवार में पैदा हुए पाटिल ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में जगह बनाने से पहले कॉलेज के दिनों में संघर्ष किया। उन्होंने 1990 में श्रीनगर में तिरंगा लहराने के लिए एबीवीपी के ‘चलो कश्मीर’ अभियान का भी नेतृत्व किया था। पाटिल 2005 में बीजेपी में शामिल हुए और उन्हें पार्टी की महाराष्ट्र इकाई का सचिव बनाया गया। वह 2008 और 2014 में पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद का चुनाव जीते। इसके बाद 2014 में भाजपा महाराष्ट्र में सत्ता में आई और पाटिल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उनके पास राजस्व, कपड़ा, लोक निर्माण विभाग तथा सहकारिता और वाणिज्य विभाग का प्रभार रहा।

ABVP में रहने के दौरान अमित शाह के संपर्क में आए पाटिल
उन्होंने 2019 में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और भाजपा ने उन्हें पुणे शहर से पार्टी की तत्कालीन विधायक मेधा कुलकर्णी के बजाय उम्मीदवार बनाया। पाटिल का ताल्लुक कोल्हापुर जिले से है लेकिन वह वहां से कभी चुनाव नहीं लड़े। एबीवीपी में रहने के दौरान ही वह भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के संपर्क में आए, जो अभी केंद्रीय गृह मंत्री हैं।

शिंदे के सीएम बनने पर दिया था ऐसा बयान
जून में एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने अपनी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसके बाद उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार गिर गई। महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने बाद में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को हैरत में डाल दिया था। 20 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। चंद्रकांत पाटिल ने पिछले महीने कहा था कि पार्टी ने ‘‘भारी मन’’ से फडणवीस के बजाय शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। हालांकि, बाद में भाजपा नेता आशीष सेलार ने कहा था कि यह न तो पाटिल का अपना रुख है और न ही पार्टी का रुख है और वह केवल सामान्य कार्यकर्ताओं की भावनाओं को अभिव्यक्त कर रहे थे।