A
Hindi News महाराष्ट्र Rape convict sentenced to life imprisonment: महाराष्ट्र में नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा, दस हज़ार का लगाया जुर्माना

Rape convict sentenced to life imprisonment: महाराष्ट्र में नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा, दस हज़ार का लगाया जुर्माना

महाराष्ट्र के वसई की एक अदालत ने 2017 में एक नाबालिग से बलात्कार करने के दोषी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। विशेष (पॉक्सो) अदालत की न्यायाधीश अदिति कदम ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया और दोषी जगदीश फागू राय पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद 

Highlights

  • नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद
  • कोर्ट ने लगाया दस हज़ार का जुर्माना
  • साल 2017 में 26 और 27 मई को हुआ था रेप

Rape convict sentenced to life imprisonment: महाराष्ट्र के वसई की एक अदालत ने 2017 में एक नाबालिग से बलात्कार करने के दोषी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। विशेष (पॉक्सो) अदालत की न्यायाधीश अदिति कदम ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया और दोषी जगदीश फागू राय पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में सफल रहा है।

विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश पाटिल ने अदालत को बताया कि पीड़िता और उसके माता-पिता भीख मांगने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते थे। वे जब 2017 में 26 और 27 मई की रात पालघर के सतीवली क्षेत्र में एक मंदिर के पास सो रहे थे, तब लड़की शौच के लिए गई। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि वहां मौजूद आरोपी पीड़िता को किसी सुनसान जगह पर ले गया और उससे बलात्कार किया। 

उसने बताया कि पीड़िता ने जब शोर मचाया, तो वह उसे एक पेड़ के पास ले गया और उससे दोबारा बलात्कार किया। बाद में, नाबालिग के माता-पिता ने अपनी बेटी को खोजना शुरू किया, तो उन्हें वह आरोपी के पास मिली और उसके शरीर से खून बह रहा था। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। 

क्या होता है पॉक्सो कोर्ट?

पॉक्सो कोर्ट खास तरीके के होते हैं। जहां पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए केस ही शामिल किए जाते हैं। इस कोर्ट में एडीजे लेवल के अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाता है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर होने वाले यौन शोषण अपराधों के लिए तैयार किए गए पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस की सुनवाई की जाती है। साथ ही कोर्ट में आईपीसी की तुलना में सज़ा के प्रावधान ज्यादा कड़े हैं। 

क्या होता है पॉक्सो एक्ट?

पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम ' the protection of childern from sexual offences act' है। हिंदी में इसे 'लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012' कहते हैं। पॉक्सो एक्ट-2012 को बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण, पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बनाया था।