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Hindi News महाराष्ट्र फिर उग्र हुआ मराठा आरक्षण का मुद्दा, अब भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में तोड़फोड़

फिर उग्र हुआ मराठा आरक्षण का मुद्दा, अब भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में तोड़फोड़

एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ और उसमें आग लगाने की घटना के बाद अब भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में भी तोड़फोड़ हुई है। मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से उग्र होता जा रहा है।

उग्र हुआ मराठा आरक्षण का मुद्दा। - India TV Hindi Image Source : PTI उग्र हुआ मराठा आरक्षण का मुद्दा।

मराठा आरक्षण के मुद्दे ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है। राज्य के विभिन्न इलाकों में आरक्षण की मांग को लेकर हिंसलक प्रदर्शन होने लगे हैं। अब राजनेताओं पर भी मराठा प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फूटने लगा है। एक ओर राज्य के बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई तो वहीं, अब छत्रपति संभाजी नगर जिले में भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की घटना हुई है। 

बंब के कार्यालय में तोड़फोड़
महाराष्ट्र की गंगापूर सीट से भाजपा विधायक प्रशांत बंब पर भी मराठा आंदोलनकारियों का गुस्सा फुट गया है। उग्र आंदोलनकारियों ने छत्रपति संभाजी नगर जिले के गंगापुर तहसील में स्थित प्रशांत बंब के कार्यालय में काफी तोड़फोड़ की है। इससे पहले आंदोलनकारियों ने बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी थी। विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि जब हमला हुआ तब वह अपने घर के अंदर ही थे।

सरकारी दफ्तरों को भी बनाया निशाना 
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारी अब सरकारी दफ्तरों को भी निशाना बना रहे हैं। सोमवार को बीड़ जिले के माजलगांव तहसील में नगर परिषद कार्यालय को दंगाईयों ने आग लगा दी। करीब 4000 की भीड़ ने माजलगांव नगर परिषद कार्यालय पर हमला किया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दंगाई अपने साथ ज्वलनशील पदार्थ लेकर आए थे और नगर परिषद कार्यालय में करीब 2 घंटे तक दंगाई तांडव करते रहे। इस आगजनी में कई अहम दस्तावेज भी जलकर राख हो गए।

 

विरोध गलत दिशा में- सीएम शिंदे 
मराठा आरक्षण समर्थकों द्वारा एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बीड आवास पर हमले पर सीएम एकनाथ शिंदे ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि यह विरोध क्या मोड़ ले रहा है। यह गलत दिशा में जा रहा है। वहीं, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस घटना का जिम्मेदार राज्य सरकार और गृह मंत्रालय को बताया है। उन्होंने कहा कि ये गृह मंत्रालय या गृह मंत्री की जिम्मेदारी है, वह क्या कर रहे हैं? 

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मनोज जरांगे पाटिल ने भी दी थी चेतावनी 
वहीं, इससे पहले वहीं मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने शनिवार 14 अक्टूबर को जालना जिले में एक रैली का आयोजन करते हुए शिंदे सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इस रैली में उन्होंने ऐलान किया था कि 10 दिन बाद या तो विजय जुलूस निकलेगा या फिर मेरी अंतिम यात्रा निकलेगी। वहीं इसके बाद मुंबई में एक आंदोलनकर्ता ने आत्महत्या कर थी। पुलिस को उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था।

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