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मारुति का उत्पादन हुआ आधा! कार कंपनियों पर आया सबसे बड़ा संकट

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के उत्पादन में पिछले महीने सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण 51 प्रतिशत की गिरावट आयी।

<p>मारुति का उत्पादन...- India TV Paisa Image Source : FILE मारुति का उत्पादन हुआ आधा! कार कंपनियों पर आया सबसे बड़ा संकट

नयी दिल्ली। अगर आप भी नवरात्रि दशहरा या फिर दिवाली पर नई कार घर पर लाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको मायूसी हाथ लग सकती है। कोरोना संकट के चलते सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कमी से लगभग सभी कार कंपनियां जूझ रही हैं। चिप न मिलने के कारण सितंबर में कार कंपनियों के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। इसका असर अक्टूबर यानि कि भारत में सबसे बड़े त्योहारी महीने में भी दिखाई दे सकता है।

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के उत्पादन में पिछले महीने सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण 51 प्रतिशत की गिरावट आयी। वाहन कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने सितंबर 2020 की 1,66,086 इकाइयों की तुलना में इस साल सितंबर में कुल 81,278 वाहनों का उत्पादन किया। सूचना में कहा गया, ‘‘सितंबर 2021 में कंपनी की उत्पादन मात्रा इलेक्ट्रॉनिक सामान की कमी के कारण प्रभावित हुई।’’ 

एमएसआई ने कहा कि पिछले महीने कुल यात्री वाहन उत्पादन 77,782 इकाई रहा, जबकि सितंबर 2020 में यह 1,61,668 इकाई थी। ऑल्टो और एस-प्रेसो मॉडल वाली मिनी कारों का उत्पादन पिछले महीने 17,163 इकाई रही, जो एक साल पहले 30,492 इकाई थी। एमएसआई ने कहा कि इसी तरह, वैगनआर, सेलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर सहित कॉम्पैक्ट कारों का उत्पादन 90,924 इकाइयों से घटकर 29,272 इकाई रह गया। अन्य उपयोगिता वाहनों के उत्पादन में भी गिरावट रही। कंपनी ने बताया कि सितंबर 2020 में 11,183 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने उसकी ईको वैन की उत्पादन घटकर 8,025 इकाई रह गया। 

अक्टूबर में होगी 60 प्रतिशत कटौती 

मारुति सुजुकी ने चिप की कमी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। कंपनी के अनुसार सेमीकंडक्टर की कमी के चलते अक्टूबर में उसके हरियाणा और गुजरात स्थित प्लांट में उत्पादन में बड़ी कटौती की जा सकती है। कंपनी के अनुसार इन दो प्लांट में अक्टूबर महीने के दौरान 60 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। 

कार की वेटिंग हुई लंबी

चिप की कमी के चलते वाहनों की वेटिंग बढ़ गई है। यात्री वाहनों के लिए औसत रिजर्व की स्थिति 25 से 30 दिन की थी। वहीं दोपहिया क्षेत्र के लिए यह 20 से 25 दिन की है। लेकिन अब यह दोगुनी से अधिक हो गई है। ग्राहकों को महीनों पर बुकिंग करवानी पड़ रही है। डीलर्स के अनुसार त्योहारों में की गई बुकिंग की डिलिवरी साल के अंत तक मिल सकती है। 

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर चिप संकट की मार

कोरोना संकट के चलते दुनिया भर की कार कंपनियां चिप की भारी किल्लत से जूझ रही हैं। सेमीकंडक्टर की कुल मांग में वाहन उद्योग का हिस्सा करीब 10 प्रतिशत ही है। शेष मांग इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गैजेट उद्योग मसलन मोबाइल फोन और लैपटॉप की है। अगस्त में वाहनों की थोक बिक्री में 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। ऑटोमोबाइल कंपनियों की संस्था सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन के अनुसार भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग सप्लाई चेन में चुनौतियों के कारण दबाव में है। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी जारी है और अब इसका ऑटो उद्योग में उत्पादन पर तीव्र प्रभाव पड़ रहा है। मेनन ने कहा कि 'चिप' की कमी के साथ-साथ कच्चे माल की ऊंची कीमतें भी एक चुनौती बनी रहीं, क्योंकि यह ऑटो उद्योग के लागत ढांचे को प्रभावित कर रही है। 

यात्री वाहनों के लिए ठंडा रहेगा त्योहार

चिप की कमी की वजह से त्योहारी सीजन के दौरान यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री पटरी से उतर सकती है। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने यह आशंका जताई है। फाडा के अध्यक्ष विन्केश गुलाटी ने बयान में कहा, ‘‘वाहन डीलरों को अपने कारोबार के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरना पड़ रहा है। कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी जारी है। पिछले साल तक मांग की चुनौती थी, अब सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से आपूर्ति बड़ी समस्या के रूप में उभर रही है। हालांकि, अब यात्री वाहनों की मांग ऊंची है।’’ 

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