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Hindi News पैसा ऑटो सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च से पहले खरीदे गए बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च से पहले खरीदे गए बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दी

राष्ट्रव्यापी बंद के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक बरकरार

<p class="MsoNormal" style="background: white;"><span...- India TV Paisa Image Source : PTI SC allows registration of BS4 vehicle sold in march

नई दिल्ली। राष्ट्रव्यापी बंद के कारण 31 मार्च की समय-सीमा से पहले जो लोग अपनी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए, उन्हें सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक बिकी बीएस-4 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अस्थायी पंजीकरण सहित ई-पोर्टल पर सभी पंजीकरणों की अनुमति है। हालांकि, छूट दिल्ली-एनसीआर के लिए लागू नहीं होगी।

शीर्ष अदालत ने कहा, "हम दिल्ली-एनसीआर में वाहनों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दे सकते। यह दिल्ली एनसीआर के लिए लागू नहीं है।" शीर्ष अदालत ने कहा कि केवल उन बीएस-4 वाहनों को रजिस्टर्ड किया जाएगा, जिन्हें राष्ट्रव्यापी बंद से पहले बेचा गया था और वाहन ई-पोर्टल पर अपलोड किया गया था। यानी राष्ट्रव्यापी बंद के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक बरकरार रहेगी। अदालत ने कहा कि 31 मार्च के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा।

शीर्ष अदालत ने ऐसे कुछ वाहनों के पंजीकरण को रोक दिया, जो राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि के दौरान डीलरों द्वारा बेचे गए थे। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के. वी. विश्वनाथन ने कहा, "हम अदालत जो भी कहेगी, उसका अनुपालन करेंगे। लेकिन मैं आपसे किसी भी ऐसे विचार को खारिज करने का आग्रह करता हूं, जिसमें कहा गया कि बंद अवधि का किसी गलत काम से या दुरुपयोग किया गया।"

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि 39,000 वाहनों का विवरण अपलोड नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा बाकी का पता लगाया गया है और इसकी जानकारी विवरण ई-वाहन पोर्टल पर उपलब्ध हैं।" शीर्ष अदालत ने ऐसे 39,000 वाहनों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी, जिन्हें ई-वाहन पर अपलोड नहीं किया गया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी। इसी बीच में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था और 25 मार्च से देशव्यापी बंद लागू हो गया। वहीं, डीलरों के पास बड़ी संख्या में बीएस-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं। इसलिए डीलर इन वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की समय-सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

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