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कल से Google Chrome 76 में मिलेगा नया ब्राउजिंग एक्सपीरिएंस, प्राइवेसी होगी और मजबूत

दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने क्रोम (Chrome) ब्राउजर को 30 जुलाई से नए Google Chrome 76 से अपग्रेड करने जा रहा है।

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नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने क्रोम (Chrome) ब्राउजर को 30 जुलाई से नए गूगल क्रोम 76 (Google Chrome 76) से अपग्रेड करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इससे क्रोम यूजर्स की प्राइवेसी पहले के मुकाबले और बेहतर हो जाएगी। बता दें कि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि incognito mode में भी यूजर्स की ऐक्टिविटी को वेबसाइट्स द्वारा ट्रैक किया जा रहा है। इसी के चलते अब गूगल इसके लिए नया वर्जन Google Chrome 76 लेकर आया है जिसमें काफी सारे बदलाव देखे जा सकते हैं। आप भी जानिए Google Chrome 76  से क्या कुछ होंगे बदलाव।

पहले से ही डिसेबल होगा एडोब फ्लैश
नए वर्जन का Google Chrome 76 अब सभी साइट्स के लिए एडोब फ्लैश (Adobe Flash) बाई डिफॉल्ट डिसेबल रखेगी। लेकिन यह यूजर्स पर निर्भर करेगा कि वह एडोब फ्लैश को डिसेबल रखना चाहते हैं या इनेबल। यहां आपको ध्यान रखना होगा कि आप फ्लैश का इस्तेमाल सिर्फ क्लिक-टू-प्ले (Click to play ) मोड में ही कर सकेंगे। इसके साथ ही क्रोम यूजर्स को एक वॉर्निंग नोटिफिकेशन भी दिया जाएगा कि दिसंबर 2020 के बाद से क्रोम फ्लैश प्लेयर को सपॉर्ट नहीं करेगा।

Incognito mode को नहीं किया जा सकेगा ट्रैक
नए क्रोम के आने के बाद Incognito mode को ट्रैक करना किसी के लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। दरअसल कुछ वेबसाइट्स फाइल सिस्टम एपीआई रिक्वेस्ट भेजकर यूजर्स के इनकॉग्निटो मोड (Incognito mode) को डिटेक्ट कर लेती थीं जो कि इस मोड के लिए डिसेबल होता था। कुछ वेबसाइट इस ट्रिक की मदद से इनकॉग्निटो मोड में रहने वाले यूजर्स को ब्लॉक कर देती थीं क्योंकि इसके जरिए वेब पर पेवॉल को बाइपास करना आसान होता है। गूगल Google Chrome के नए अपडेट में इस खामी को खत्म कर रहा है।

एस्केप की (Escape Key) होगी और सेफ
नए क्रोम के आने के बाद Escape Key और सुरक्षित हो जाएगी। आमतौर पर जब आप किसी वेबसाइट पर विजिट करते हैं तो आपको एस्केप की (Escape Key) की जरूरत नहीं पड़ती। अगर गलती से कोई यूजर किसी मैलिसियस वेबसाइट पर चला जाता है, तो उसे उससे बाहर आने के लिए एस्पेकप की की जरूरत होती है। ये मैलिसियस वेबसाइट एस्केप की को डिसेबल कर बार-बार पॉप अप नोटिफिकेशन्स जेनरेट करके यूजर्स को परेशान करती हैं। ऐसे में एस्केप की की मदद से यूजर साइट को बार-बार लोड होने से रोकते हैं। नए क्रोम 76 में इसे फिक्स कर दिया गया है और यूजर्स को ऐसी साइट्स से अब परेशानी नहीं होगी।

क्रोम OS पर आसानी से क्लियर होंगे नोटिफिकेशन्स
ज्यादातर यूजर क्रोम ओएस पर नोटिपिक्शन को क्लियर करना पसंद नहीं करते। ऐसा इसलिए है क्योंकि गूगल इसे क्लियर करने का ऑप्शन 'Clear All' बटन लिस्ट में एकदम नीचे उपलब्ध कराता है। यूजर्स को नीचे तक स्क्रॉल करना पसंद नहीं इसलिए वे इसे क्लियर नहीं करते। हालांकि, अब यह बदलने वाला है और नए अपडेट में यूजर्स को क्लियर ऑल बटन ऊपर की तरफ ही उपलब्ध करा दिया जाएगा।

ऑटोमैटिक डार्क मोड
क्रोम 76 के आने के बाद वेबसाइट्स ये जान सकेंगी कि यूजर ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम पर डार्क मोड को सिलेक्ट किया है या नहीं। अगर यूजर ने डार्क मोड ऑन रखा होगा तो साइट्स ऑटोमैटिकली यूजर को डार्क थीम के साथ कॉन्टेंट दिखाएंगी।

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