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Hindi News पैसा गैजेट क्या रिलायंस Jio ने स्पेक्ट्रम नीलामी के साथ ही जीत ली 5G की रेस, जानिए क्यों है 700 Mhz तुरुप का इक्का

क्या रिलायंस Jio ने स्पेक्ट्रम नीलामी के साथ ही जीत ली 5G की रेस, जानिए क्यों है 700 Mhz तुरुप का इक्का

Reliance Jio ने देश के सभी 22 Telecom Cicles में 700 मेगाहर्ट्ज प्रीमियम स्पेक्ट्रम हासिल किया है। इसमें दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई जैसे अत्यधिक आबादी वाले शहर भी शामिल हैं।

5G Rollout- India TV Paisa Image Source : FILE 5G Rollout

Highlights

  • सबसे अधिक स्पेक्ट्रम खरीदने के साथ ही जियो ने 700 मेगाहर्ट्ज पर दांव खेला है
  • जियो ने देश के सभी 22 टेलिकॉम सर्किलों में 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया
  • 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम एक टावर के साथ 6-10 किमी सिग्नल रेंज प्रदान कर सकता है

5G Services: देश में पांचवीं पीढ़ी की दूरसंचार सेवाएं यानि 5जी को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 7 दिनों तक चली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म हो चुकी है। इस नीलामी में रिलायंस जियो सबसे अधिक स्पेक्ट्रम खरीदने के साथ सबसे आगे रही। वहीं एयरटेल भी कई सर्किल में इसे कड़ी टक्कर देगी। यहां सबसे अधिक स्पेक्ट्रम खरीदने के साथ ही जियो ने 700 मेगाहर्ट्ज पर दांव खेला है। जानकारों के मुताबिक इस खास दांव के साथ 5जी शुरू होने से पहले ही जियो ने बाजी मार ली है। आखिर जानते हैं कि क्यों यह 700 मेगाहर्ट्ज का बैंड इतना जरूरी है। 

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22 सर्किल में लिया 700 मेगाहर्ट्ज प्रीमियम

रिलायंस जियो ने देश के सभी 22 टेलिकॉम सर्किलों में 700 मेगाहर्ट्ज प्रीमियम स्पेक्ट्रम हासिल किया है। इसमें दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई जैसे अत्यधिक आबादी वाले शहर भी शामिल हैं। यहां खासबात यह है कि रिलायंस जियो ग्राहकों को अधिक तेज और कुशल इनडोर 5जी कवरेज देगा। 

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क्यों जरूरी है 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 

टेलिकॉम के जानकारों के अनुसार 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम एक टावर के साथ 6-10 किमी सिग्नल रेंज प्रदान कर सकता है। ऐसे में घनी आबादी वाली शहरों में यह 5जी की पेशकश के लिए एक अच्छा आधार बनाता है। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए रिलायंस जियो के नेतृत्व में 39,270 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। गार्टनर के प्रधान विश्लेषक पुलकित पांडे ने बताया कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में रुचि यह संकेत देती है कि कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर बेहतर इनडोर कवरेज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां 700 मेगाहर्ट्ज बैंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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सिर्फ एक तिहाई टावरों को करना होगा अपग्रेड

सबसे महंगे 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को खरीदकर भी रिलायंस ने समझदारी का काम किया है। इसके साथ ही जियो को मौजूदा 3.5 लाख टावरों में से केवल 1 लाख को अपग्रेड करना होगा, ताकि भारत में लक्ष्य 5जी अवसर के 80 प्रतिशत कार्य को पूरा किया जा सके। जबकि एयरटेल या वोडाआइडिया जैसी दूसरी कंपनियों को अधिक संख्या में टावरों को अपग्रेड करना होगा।

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300 MBPS की डाउनलोड स्पीड

यह फ्रिक्वेंसी दूसरों के मुकाबले काफी तेजी है। चिप निर्माता क्वालकॉम के अनुसार, 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम परीक्षण की स्थिति में 300 एमबीपीएस से अधिक डाउनलोड गति प्राप्त कर सकता है। 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम भी जियो को उद्यमों के लिए 5जी एसए (स्टैंडअलोन) सेवाएं देने में मदद करेगा। 700मेगाहर्ट्ज और 900मेगाहर्ट्ज की रेंज वायरलेस एप्लिकेशंस के लिए आदर्श होते हैं, लंबी दूरी तय करते हैं और कम बिजली की खपत करते हैं।

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