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कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में हो सकता है इजाफा, EPFO आज करेगा अनिवार्य योगदान में कटौती पर फैसला

EPFO उस योजना को अपनी मंजूरी दे सकता है, जिसमें सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों के लिए अनिवार्य कटौती को कम करने का प्रस्‍ताव है।

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नई दिल्‍ली। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) शनिवार को उस योजना को अपनी मंजूरी दे सकता है, जिसमें सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों के लिए अनिवार्य कटौती को कम कर 10 प्रतिशत किए जाने का प्रस्‍ताव है।

आज होगा बैठक में फैसला

सूत्रों ने बताया कि 27 मई को पुणे में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन की बैठक होनी है, जिसमें इस प्रस्‍ताव को विचार के लिए सामने रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक श्रम मंत्रालय को कई ऐसे प्रस्‍ताव मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों के हाथ में अधिक पैसा आए और नियोक्‍ताओं पर बोझ कम हो, इसके लिए कदम उठाने चाहिए।

कर्मचारी को कैसे होगा फायदा

अनिवार्य योगदान में कटौती से कर्मचारियों को चार प्रतिशत का लाभ होगा। वर्तमान में नियोक्‍ता और कर्मचारी बेसिक सैलरी का 24 प्रतिशत अनिवार्य योगदान करते हैं। यह घटकर 20 प्रतिशत रह जाएगा। इससे कर्मचारी को हाथ में मिलने वाले वेतन में वृद्धि होगी और वह ज्‍यादा खर्च कर पाएगा। इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था को भी कुछ गति मिलेगी।

पीएफ का यह है पूरा गणित

वर्तमान में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत हिस्‍सा पूरा उसके ईपीएफ एकाउंट में जमा होता है। नियोक्‍ता द्वारा कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 3.67 प्रतिशत हिस्‍सा उसके ईपीएफ एकाउंट में जमा किया जाता है, जबकि शेष 8.33 प्रतिशत हिस्‍सा ईपीएस एकाउंट में जमा होता है। इसके अलावा नियोक्‍ता बेसिक सैलरी का 0.5 प्रतिशत हिस्‍सा बीमा लाभ के लिए ईडीएलआई में भी जमा करता है। इस तरह वास्‍तव में नियोक्‍ता बेसिक सैलरी का 12.5 प्रतिशत योगदान करता है।

श्रमिक संगठन कर रहे हैं विरोध  

हालांकि, श्रमिक संगठनों ने इस प्रस्‍ताव का विरोध करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि इस कदम से सामाजिक सुरक्षा योजना का उद्देश्‍य खत्‍म हो जाएगा। एक ईपीएफओ ट्रस्‍टी और भारतीय मजदूर संघ नेता पीजे बनासुर ने कहा कि हम इस प्रस्‍ताव का विरोध करेंगे। यह श्रमिकों के हित में नहीं है।

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