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Credit Cards के छिपे खर्च कर सकते हैं आपकी जेब खाली, कंपनियां कभी नहीं देती इनकी जानकारी

Credit card : पहली बात जो आप गांठ बांध लें वह यह है कि यह कभी न सोचें कि आपको Credit card बिना शर्त पर मिलता है। पहली बात यह कि आप यह कभी न सोचें कि क्रेडिट कार्ड पर कोई शुल्‍क (Credit Card Fee) नहीं लगता।

Credit Card- India TV Paisa Image Source : FILE Credit Card

Highlights

  • कोशिश कीजिए कि कभी आप क्रेडिट लिमिट से अधिक का खर्च न करें
  • केवल वैसे ही कार्ड के लिए आवेदन करें जो आपकी जरूरतों को पूरी करें
  • card कम्पनियां डुप्लीकेट स्टेटमेंट के लिए एक तय शुल्क लेती हैं

Credit Cards : आज के समय में ऐसा शख्स ढूंढने से नहीं मिलेगा जिसके बटुए में क्रेडिट कार्ड न हो। आजकल तो फ्रैशर्स को भी नौकरी जॉइन करते ही क्रेडिट कार्ड मिल जाता है। एक बार यह जादुई कार्ड हाथ में आया नहीं कि धड़ल्ले से शॉपिंग शुरू। लेकिन कई बार हम कार्ड कंपनियों की नियम व शर्तों को नहीं समझते और फिर हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। 

पहली बात जो आप गांठ बांध लें वह यह है कि यह कभी न सोचें कि आपको क्रेडिट कार्ड बिना शर्त पर मिलता है। पहली बात यह कि आप यह कभी न सोचें कि क्रेडिट कार्ड पर कोई शुल्‍क नहीं लगता। कई तरह के शुल्क और शर्तें तो ऐसी होती हैं जिसके बारे में ग्राहक को शुरुआती बातचीत के दौरान कोई जानकारी नहीं ही दी जाती। इसलिए, इस बात को गहराई में जाकर देखने की जरूरत है कि वास्तव में क्रेडिट कार्ड के क्या खर्चे हैं और इसकी शर्तें क्या है। कार्ड के आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है।

खुले और छिपे हुए खर्च

सालाना शुल्क एवं अन्य खर्चे : क्रेडिट कार्ड कंपनियां आम तौर पर ग्राहकों को पहले साल का सालाना फीस माफ करते हुए क्रेडिट कार्ड फ्री देने की बात करते हुए आकर्षित करती हैं। हालांकि,  यह ऑफर एक साल बाद समाप्त हो जाता है और उसके बाद ज्यादातर कंपनियां 1,000 रुपये से 3,000 रुपए का सालाना शुल्क कार्ड के प्रकार और क्रेडिट लिमिट के आधार पर वसूलने लगती हैं।

चक्रवृद्धि ब्याज दरें : अगर बिल जमा करने की अंतिम तारीख तक भुगतान नहीं किया गया तो बकाया राशि पर 1.11 प्रतिशत से चार प्रतिशत प्रति महीने की दर से ब्याज वसूला जाता है। यद्यपि, यह ब्याज दर ज्यादा नहीं लगता लेकिन जब आप इसे सालाना आधार पर देखेंगे तो यह २७ से ४८% बैठता है।

ओवरड्राफ्ट सीमा पार करने की फीस : अगर कोई ग्राहक अपनी क्रेडिट लिमिट से ज्यादा खर्च करता है तो यह शुल्क लगाया जाता है। आम तौर पर यह खर्च की गई राशि का एक खास प्रतिशत होता है और इसकी न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा निर्धारित होती है।

बिलंब से भुगतान करने का शुल्क : ब्याज दरों के अतिरिक्त कंपनियां तब विलंबित भुगतान के लिए भी शुल्क वसूलती हैं जब आप बिल के भुगतान में देरी करते हैं। या तो इसकी राशि निश्चित होती है या यह बकाया राशि का एक खास प्रतिशत होता है। विभिन्न क्रेडिट कार्डों के लिए यह शुल्क भिन्न-भिन्न होता है।

डुप्लीकेट स्टेटमेंट का शुल्क : ज्यादातर क्रेडिट कार्ड कंपनियां क्रेडिट कार्ड के जएि किए जाने वाले लेन-देन के डुप्लीकेट स्टेटमेंट के लिए एक तय शुल्क लेती हैं।

विदेशी मुद्रा में लेन-देन : देश के बार किए गए लेन-देन के मामले में सबसे पहले विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपये में नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (मास्टर/वीजा) द्वारा तय दर के हिसाब से परिवर्तित किया जाता है और लेन-देन के मूल्य का एक खास प्रतिशत शुल्क के तौर पर लिया जाता है।

नकद निकासी पर शुल्क : अगर क्रेडिट लिमिट के तहत क्रेडिट कार्ड के जरिए बैंक से नकद निकासी की जाती है तो ग्राहकों से एक शुल्क वसूला जाता है जो निकाली गई राशि का एक खास प्रतिशत होता है।

पेट्रोल और रेल टिकट खरीदारी पर शुल्क : पेट्रोल और रेल टिकट की खरीदारी क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने पर लेन-देन की राशि का एक खास प्रतिशत शुल्क के तौर पर वसूला जाता है।

कैसे बचें कार्ड के छुपे खर्चों से?

एक बात तो तय है कि अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उपरोक्त में से कुछ शुल्क लगाए जाने से नहीं बच सकते, लेकिन अगर आप निम्रलिखित उपाय अपनाएं तो संभव है कि शुल्कों का बोझ कुछ कम हो जाए।

1. क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले इस बात की अच्छी तरह तहकीकात कर लें कि कौन सा क्रेडिट कार्ड आपके लिए मुफीद है।

2. केवल वैसे ही कार्ड के लिए आवेदन करें जो आपकी जरूरतों को पूरी करें।

3. Credit Cards की शुरुआतों दरों को समझिए। साथ ही यह भी देखिए कि क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के साथ कौन-कौन से शुल्क जुड़े हुए हैं। नियम एवं शर्तों को भली-भांति पढ़ें और समझें। इसके लिए आप क्रेडिट कार्ड के साथ भेजे गए बुकलेट का सहारा ले सकते हैं।

4. बुद्धिमानी के साथ क्रेडिट कार्ड के जरिए शॉपिंग करें। अनावश्यक खर्चों से बचना ही बेहतर रहेगा।

5. अगर आप क्रेडिट कार्ड के बकाया का भुगतान नहीं कर पाए हैं तो कम से कम वक्त पर ब्याज की वास्तविक राशि का भुगतान करते चलें।

6. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में केवल बिल की राशि ही न देखें, यह भी देखें कि कहीं कोई अनावाश्यक शुल्क तो नहींजोड़ दिया गया है।

7. कोशिश कीजिए कि कभी आप क्रेडिट लिमिट से अधिक का खर्च न करें।

8. अगर आप विदेश में अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो Exchange Rate को अच्छी तरह समझ लीजिए।

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