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सोना vs रीयल एस्टेट: किसमें निवेश करना है स्मार्ट ऑप्शन, फैसला लेने से पहले यहां समझें पूरी बात

सोना एक ऐसा विकल्प है जो विपत्ति के समय में तुरंत काम आ सकता है। रियल एस्टेट (Real Estate) के तहत प्रॉपर्टी को कैश में बदलने में काफी समय लग सकता है।

सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव सकते हैं। - India TV Paisa Image Source : FILE सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव सकते हैं।

ज्यादा रिटर्न वाले ऑप्शन में हर कोई निवेश करना चाहता है। सोना और रीयल एस्टेट (Gold vs Real Estate) ऐसे ही दो ऑप्शन हैं जिसमें लोग अपनी रुचि और क्षमता के मुताबिक पैसे लगाते हैं। इस फेस्टिवल सीजन में इन दोनों में से किसमें निवेश किया जाए, इस पर फैसला करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दोनों ही अलग-अलग परिस्थितियों में अपना महत्व रखते हैं। आइए हम यहां समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर इन दोनों में पैसा लगाना किस तरह सही है।

सोने में निवेश
भारत में सोने (gold) की खरीदारी को शुभ माना जाता है। आमतौर पर  इस वजह से त्योहारों में इसकी खरीदारी काफी तेज हो जाती है। सोना एक ऐसा विकल्प है जो विपत्ति के समय में तुरंत काम आ सकता है।  सोने ने दशकों से अपना मूल्य बनाए रखा है। इसे खरीदना और बेचना आसान है। सोना आर्थिक अस्थिरता से बचाव का साधन भी हो सकता है।
इतना ही नहीं यह आपको महंगाई के घटते प्रभावों से बचा सकता है।

सोने में निवेश के नुकसान को भी समझिए
अगर हम रीयल एस्टेट से सोना की तुलना करें तो यह रियल एस्टेट (Real Estate) की तरह इनकम जेनरेट नहीं करता है। सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव सकते हैं। साथ ही सोने(gold) को सुरक्षित रूप से रखने पर भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसमें निवेश पर आपको कोई टैक्स छूट भी नहीं मिलती है।

रियल एस्टेट में निवेश
फेस्टिवल सीजन में रियल एस्टेट में निवेश करने के कई फायदे हैं।  टाइम्सप्रॉपर्टी की खबर के मुताबिक, किसी संपत्ति का मूल्य समय के साथ काफी बढ़ जाता है, जिसका मतलब है कि आपके शुरुआती निवेश में बढ़ने और पर्याप्त रिटर्न जेनरेट करने की क्षमता है। प्रॉपर्टी का लोकेशन और बाजार की स्थिति जैसे फैक्टर इसकी किराये की बढ़त और वैल्यू निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, कोई भी प्रॉपर्टी काफी समझदारी से चुनें।

महंगाई के खिलाफ अपने फाइनेंस को सुरक्षित रखने के लिए रियल एस्टेट में निवेश एक शानदार स्ट्रैटेजी है। संपत्तियों को मुद्रास्फीति के प्रभावों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उन्हें न केवल बढ़ती कीमतों के साथ तालमेल बिठाने की अनुमति मिलती है, बल्कि उनके साथ सराहना भी होती है। यह लचीलापन रियल एस्टेट निवेश को सुरक्षित बनाता है और उनकी विकास क्षमता को बढ़ाता है। RERA की स्थापना और जीएसटी लागू करने जैसी पहलों ने इस क्षेत्र को ज्यादा पारदर्शी और कुशल बना दिया है, जिससे खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को फायदा हुआ है।

रीयल एस्टेट में निवेश के नुकसान
रियल एस्टेट (Real Estate) के तहत प्रॉपर्टी को कैश में बदलने में काफी समय लग सकता है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि संपत्ति (प्रॉपर्टी) का मालिक होने का मतलब टैक्स मेंटेनेंस, यूटिलिटी और मरम्मत सहित लगातार होते खर्चों से निपटना भी है। ऐसे में सावधानीपूर्वक फाइनेंशियल प्लानिंग की जरूरत है। अचल संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है, इसलिए संभावित नुकसान से बचने और अपने लंबे समय के बेनिफिट को मैक्सिमम करने के लिए बाजार की अच्छी समझ होनी जरूरी है।

डेवलपर्स त्योहारी सीज़न के दौरान अक्सर विशेष ऑफर और छूट लॉन्च करते हैं। खरीदार इन छूटों का फायदा उठाकर कम कीमतों पर अपने मनचाहे घर सुरक्षित कर सकते हैं, जिससे यह निवेश करने का एक शानदार मौका बन जाता है। जब दोनों (Gold vs Real Estate) में निवेश को लेकर फैसला करने की बारी आए तो समझदारी यही है कि अपने वित्तीय लक्ष्यों और निवेश क्षमता पर विचार करें।सोना खरीदना और बेचना सुविधाजनक है, रियल एस्टेट (Real Estate) में आपके निवेश पर उच्च रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता है। इसलिए, ध्यान से सोचें और  तब फैसला करें।

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