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Hindi News धर्म त्योहार Masik Durgashtami 2023: साल 2023 की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी कब है? यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Masik Durgashtami 2023: साल 2023 की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी कब है? यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

साल 2023 के जाते-जाते कुछ प्रमुख त्योहार अभी भी पड़ रहे हैं। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से देवी भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं। आइए जानते हैं इस बार साल 2023 की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी कब मनाई जाएगी।

Masik Durgashtami 2023- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Masik Durgashtami 2023

Margashira Month 2023: हिंदू धर्म में हर त्योहार की अपनी एक मान्यता है। इसी प्रकार मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित एवं वंदनीय है। देवी भक्त इस दिन माता रानी की शरण में आकर उनके लिए व्रत और कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं।

इस दिन की बड़ी विशेष मान्यता है जो लोग इस दिन माता रानी की पूजा आराधना करते हैं उनके समस्त कष्ट वह शीघ्र हर लेती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। माता रानी सदैव अपने भक्तों की रक्षा भी करती हैं। इस बार मार्गशीर्ष मास और साल 2023 की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी कब पड़ रही है और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त आज हम आपको हिंदू पंचांग के अनुसार यही बताने जा रहे हैं।

नोट करें साल 2023 की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त

  • मासिक दुर्गाष्टमी- 20 दिसंबर 2023 दिन बुधवार
  • मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ - 19 दिसंबर दिन मंगलवार दोपहर 1 बजकर 6 मिनट से शुरू।
  • मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समापन - 20 दिसंबर दिन बुधवार सुबह 11 बजकर 14 मिनट पर समापत।

मासिक दुर्गाष्टमी पर इस तरह करें पूजा

  • इस दिन सर्वप्रथम प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद मां देवी के निमित्त व्रत रखने और पूजा करने का संकल्प लें।
  • ऐसा करने के बाद एक चौकी रखें और उस पर माता रानी की प्रतिमा रखने से पहले एक लाल रंग का नया वस्त्र बिछा लें।
  • मां की स्थापना के बाद उन्हें लाल गुलहड़ का पुष्प, मेवे-मिष्ठान, लाल चुनरी, सोलह श्रृंगार और अक्षत आदि यह सब पूजा सामग्री अर्पित करें।
  • इसके बाद दुर्गासप्तशती का पाठ करें और देवी मां की प्रतिमा के सामने देशी घी का दीपक अवश्य जलाएं।
  • शाम के समय अगर आप देवी मां की पूजा करना चाहते हैं तो सूर्यास्त के बाद संध्या वंदना के समय उनकी आरती अवश्य उतारें और अंत में हाथ जोड़ कर उन्हें दंडवत प्रणाम करें। ऐसा करने से देवी मां आपकी सभी मनोकामनाए शीघ्र पूर्ण करेंगी।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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