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बीसीसीआई प्रथम श्रेणी अनुबंध में जोड़ सकती है प्राकृतिक आपदा संबंधी अनुच्छेद

कोविड-19 के कारण 2020-21 सीजन को लेकर अनिश्चितता है, जिसने खिलाड़ियों की मैच फीस को संकट में डाल दिया है।

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बीसीसीआई अगर उन सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के लिए अनुबंध लाने का फैसला करती है जो कोविड-19 के कारण 2020-21 सीजन को लेकर अनिश्चित्ता के चलते मैच फीस से हाथ धो बैठेंगे, तो वह इसमें फोर्स मैशेयुर क्लॉज यानी प्राकृतिक आपदा संबंधी अनुच्छेद शामिल कर सकती है। कोविड-19 के कारण 2020-21 सीजन को लेकर अनिश्चितता है, जिसने खिलाड़ियों की मैच फीस को संकट में डाल दिया है। अभी तक ऐसी संभावनाएं हैं कि इस सीजन जनवरी से सिर्फ सीमित ओवरों के टूर्नामेंट ही हो सकते हैं।

खिलाड़ियों के नुकसान की भरपाई किए जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन बोर्ड अभी यह नहीं कर सकता है, क्योंकि इस समय खिलाड़ियों के पास अनुबंध नहीं हैं। सिर्फ उत्तराखंड और पंजाब राज्य संघों ने इस समय अनुबंध के बारे में सोचा है, हालांकि इस योजना पर अभी काम किया जा रहा है।

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मामले से संबंध रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, "अगर प्रथम श्रेणी, रणजी ट्रॉफी, पुरुष और महिला खिलाड़ी के लिए अनुबंध सिस्टम होता तो हां, बीसीसीआई और शीर्ष परिषद भरपाई के बारे में सोचते। उनको भुगतान किया जा सकता था, क्योंकि वह स्थिति के कारण परेशान हैं, लेकिन अनुबंध नहीं हैं।"

बीसीसीआई राज्य संघों के साथ मिलकर प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के लिए अनुबंध सिस्टम ला सकती है, यह एक संयुक्त प्रयास हो सकता है।

अधिकारी ने कहा, "बीसीसीआई सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के लिए अनुबंध सिस्टम ला सकती है। यह बीसीसीआई और राज्य संघों का संयुक्त प्रयास भी हो सकता है, लेकिन यह देखना होगा कि यह 50-50 होगा या 70-30, 80-20।"

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अनुबंध में हालांकि फोर्स मेशुयर क्लॉज यानी प्राकृतिक आपदा संबंधी अनुच्छेद को शामिल किया जा सकता है, जिसमें कोविड-19 जैसी महामारी के लिए जगह होगी।

अधिकारी ने कहा, "फोर्स मेशुयर हमेशा है। आप विपदाओं के बारे में पता नहीं लगा सकते। सभी तरह के नियम हैं और यह इस बात पर निर्भर है कि आप इसे कैसे लागू करते हैं। बुनियादी बात यह है कि क्रिकेटरों को ज्यादा से ज्यादा पैसा दिया जाए, ताकि वह संघर्ष न करें, और क्रिकेट पर ध्यान दें। इस समय किसी तरह की क्रिकेट नहीं हो रही है इसलिए भुगतान करना मुश्किल है।"

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने हालांकि कहा था कि जनवरी-2021 में घरेलू सीजन की शुरुआत होगी। इस पर अभी भी सवालिया निशान हैं और बोर्ड की तरफ से राज्य संघों को भी कार्यक्रम को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बड़ौदा, छत्तीसगढ़ और विदर्भ जैसे कई राज्यों ने सीजन की तैयारी करना शुरू कर दी है। वह इस दौरान कोविड-19 से संबंधित एसओपी का ख्याल रख रहे हैं।

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