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Hindi News खेल क्रिकेट सचिन तेंदुलकर ने बताया पनेसर और लीच की गेंदबाजी के बीच सबसे बड़ा अंतर

सचिन तेंदुलकर ने बताया पनेसर और लीच की गेंदबाजी के बीच सबसे बड़ा अंतर

सचिन तेंदुलकर का मानना है कि 2012 में भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड की जीत में स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की सफलता का राज काफी हद तक सामान्य से अधिक गति से गेंदबाजी करना था।

<p>सचिन तेंदुलकर ने...- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES सचिन तेंदुलकर ने बताया पनेसर और लीच की गेंदबाजी के बीच सबसे बड़ा अंतर

नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि 2012 में भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड की जीत में स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की सफलता का राज काफी हद तक सामान्य से अधिक गति से गेंदबाजी करना था जबकि उन्होंने जैक लीच को ऐसा करते नहीं देखा है। स्वान और पनेसर की जोड़ी की तुलना में बायें हाथ के स्पिनर जैक लीच थोड़ी धीमी गति से गेंदबाजी करते है और उनकी सफलता की संभावना तभी बढ़ेगी जब वह स्पिनरों के लिये मददगार पिचों पर गति में बदलाव करते रहेंगे।

तेंदुलकर ने पीटीआई-भाषा को दिये विशेष साक्षात्कार में गुरूवार को कहा, ‘‘वह (2012) अलग तरह का आक्रमण था और स्वान उस समय विश्व के शीर्ष स्पिनरों में एक थे। मोंटी (पनेसर) ऐसे गेंदबाज थे जो गेंद को फ्लाइट करने में विश्वास नहीं रखते थे। वह पिच पर गेंद को तेजी से टप्पा खिलाने में भरोसा करते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मोंटी तेज गति से गेंदबाजी करते थे, वह पूरी तरह से लीच से अलग थे। मोंटी के उलट वह (लीच) थोड़ी धीमी गति से गेंदबाजी करते है।’’ तेंदुलकर का मानना है कि लीच अपनी गति में मिश्रण नहीं करते है जो कि स्पिनरों की मदद वाली पिच के लिए जरूरी है।

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टेस्ट और वनडे में सबसे अधिक शतक लगाने वाले इस पूर्व महान बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैंने उसे जितना देखा है वह एक ही गति से गेंदबाजी करता है। अगर पिच से ‘टर्न’ और मदद मिल रही हो तो गति में मिश्रण जरूरी होता है क्योंकि इससे बल्लेबाजों को संभलने का कम समय मिलता है। मोंटी और स्वान ने 2012 में ऐसी ही नीति अपनाई थी।’’ तेंदुलकर का मानना है कि लाल मिट्टी और उमस वाले मौसम के कारण गेंद 15वें ओवर से रिवर्स स्विंग होने लगेगी और ऐसा 60वें ओवर तक होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि चेन्नई में तेज गेंदबाजों को बड़ी भूमिका निभानी होगी और ऐसे में रिवर्स स्विंग का महत्व बढ़ जाएगा। मुझे लगता है कि 15वें से 60वें ओवर तक गेंद रिवर्स स्विंग होगी। जब गेंद रिवर्स स्विंग होती है तो बल्लेबाज के पास कम समय होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ गेंद 60वें से 80वें आवर तक भी रिवर्स स्विंग कर सकती है लेकिन गेंद के नरम होने के कारण बल्लेबाज के पास तालमेल बिठाने के लिए अधिक समय होगा।’’ उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के तेज आक्रमण में इतना दमखम है कि वह इसका फायदा उठा सकेंगे।"

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उन्होंने कहा, ‘‘जोफ्रा आर्चर जैसे गेंदबाज को रिवर्स स्विंग प्राप्त कर सकेंगे जबकि अनुभवी जेम्स एंडरसन हमेशा से स्विंग और रिवर्स स्विंग करने में सफल रहे है। उन्होंने कहा, ‘‘ बेन स्टोक्स भी कुछ ओवर गेंदबाजी करेंगे और स्टुअर्ट ब्रॉड की मौजूदगी में उनके पास अच्छा तेज आक्रमण है। यह ऐसा गेंदबाजी आक्रमण है जिसके पास काफी अनुभव है और कुछ युवा खिलाड़ी है जिन्होंने अपना करियर अभी शुरु किया है।’’

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