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Hindi News खेल क्रिकेट Ashes 2021-22 : पहले टेस्ट के दूसरे ही दिन पाई गई यह बड़ी खामी, जिसके कारण वार्नर को मिला बड़ा जीवनदान

Ashes 2021-22 : पहले टेस्ट के दूसरे ही दिन पाई गई यह बड़ी खामी, जिसके कारण वार्नर को मिला बड़ा जीवनदान

वार्नर को भी पहले आउट दे दिया गया था लेकिन रीप्ले से नोबॉल का पता लगने के बाद अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा। इससे मैच अधिकारियों को लेकर बड़ी समस्या भी उजागर हो गयी।

Ashes 2021-22, David Warner, cricket, Ben stokes - India TV Hindi Image Source : AP David Warner

Highlights

  • बेन स्टोक्स ने अपने स्पेल के पहले ही ओवर में डेविड वार्नर को किया था बोल्ड
  • वीडियो रिप्ले में नो बॉल के कारण वार्नर को मिल गई थी जीवनदान
  • इसके वार्नर 94 रनों की पारे खेलकर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का काम किया

बेन स्टोक्स की पांव की नोबॉल के कारण इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाज डेविड वार्नर का कीमती विकेट नहीं मिल पाया लेकिन इससे एशेज सीरीज में ‘टेक्नोलोजी’ से जुड़ी समस्या भी उजागर हो गयी। स्टोक्स ने मार्च के बाद जब अपना पहला ओवर किया तो उसके तुरंत बाद ही वार्नर को यह जीवनदान मिला जो तब 17 रन पर खेल रहे थे। 

इससे यह भी पता चला कि स्टोक्स ने अपनी पिछली तीन गेंदों पर भी क्रीज से आगे पांव रखा था लेकिन अंपायर ने उसे नोबॉल नहीं दिया था। बाद में ऑस्ट्रेलिया के एशेज प्रसारक चैनल 7 ने खुलासा किया कि स्टोक्स ने मैच के दूसरे दिन गुरुवार को 14 बार अपना पांव क्रीज से आगे रखा था लेकिन केवल दो बार ही नोबॉल दी गयी। 

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वार्नर को भी पहले आउट दे दिया गया था लेकिन रीप्ले से नोबॉल का पता लगने के बाद अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा। इससे मैच अधिकारियों को लेकर बड़ी समस्या भी उजागर हो गयी। 

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि गाबा में टेक्नोलोजी से जुड़ी समस्या का मतलब है कि तीसरे अंपायर पॉल विल्सन यह पता करने के लिये कि गेंदबाज ने क्रीज से आगे पांव रखा है, प्रत्येक गेंद के रीप्ले की समीक्षा नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि मैदानी अंपायरों को ही इस पर फैसला करना होगा। 

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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने मैच की कमेंट्री के दौरान इस तरह की खराब अंपायरिंग की आलोचना की। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस व्यवस्था को लागू किया जिसमें तीसरे अंपायर को नोबॉल की जांच करने की अनुमति दी गयी। पिछले साल नियमों में बदलाव से पहले मैदानी अंपायर ही क्रीज से आगे पांव रखने पर गेंदबाज को सूचित करके नोबॉल देते थे। 

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