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Hindi News खेल अन्य खेल भारतीय ओलंपिक हॉकी इतिहास का हिस्सा बनकर खुश हैं वरूण कुमार

भारतीय ओलंपिक हॉकी इतिहास का हिस्सा बनकर खुश हैं वरूण कुमार

ड्रैग फ्लिकर वरूण और मिडफील्डर सिमरनजीत सिंह को ओलंपिक में पदार्पण का मौका मिला जब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने महामारी के कारण टीम स्पर्धाओं में वैकल्पिक खिलाड़ियों को शामिल करने की मंजूरी दी। 

Varun Kumar, Olympic hockey, history, Sports- India TV Hindi Image Source : GETTY Varun Kumar

ओलंपिक के लिये भारत की 16 सदस्यीय टीम में जगह नहीं पाने के बाद भारतीय पुरूष हॉकी टीम के डिफेंडर वरूण कुमार निराश थे लेकिन वह कोरोना महामारी के बीच ‘वैकल्पिक खिलाड़ी’ के रूप में टीम का हिस्सा बने और उन्हें खुशी है कि अपने पहले ही ओलंपिक में कांस्य पदक जीत सके। 

ड्रैग फ्लिकर वरूण और मिडफील्डर सिमरनजीत सिंह को ओलंपिक में पदार्पण का मौका मिला जब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने महामारी के कारण टीम स्पर्धाओं में वैकल्पिक खिलाड़ियों को शामिल करने की मंजूरी दी। 

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वरूण ने कहा ,‘‘ ओलंपिक के लिये टीम की घोषणा हुई तो मेरा नाम 16 सदस्यों में नहीं था । मुझे वह दिन अच्छी तरह से याद है। मैं बहुत दुखी था।’’ 

उन्होंने कहा ,‘‘ लेकिन कुछ दिन बाद आईओसी ने 18 खिलाड़ियों को टीम में रखने की अनुमति दे दी। मुझे और सिमरनजीत को मौका मिला। यह बड़ी राहत की बात थी लेकिन कहीं ना कहीं दिमाग में ये था कि अंतिम 16 में जगह नहीं मिल सकी थी और मैं खुद को साबित करना चाहता था।’’ 

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वरूण ने कहा कि तोक्यो रवाना होने से पहले कप्तान मनप्रीत सिंह से बात करने से उन्हें काफी मदद मिली। उन्होंने कहा ,‘‘ मनप्रीत ने मुझसे काफी देर बात की और मानसिक रूप से मुझे तैयार किया। मनप्रीत का मेरे कैरियर पर बड़ा प्रभाव रहा है। हम एक ही अकादमी में खेलते थे और उससे बात करने से काफी मदद मिली। मैं इस तरह से सोचने लगा कि इस मौके का पूरा इस्तेमाल कैसे करना है।’’ 

वरूण ने कहा ,‘‘ तोक्यो का अनुभव कमाल का था। कांस्य पदक जीतना और पोडियम पर खड़ा होना शायद मेरे कैरियर का सर्वश्रेष्ठ पल था । अब मेरी प्राथमिकता अपने खेल को और बेहतर करने की है।’’