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Hindi News टेक न्यूज़ एंड्रॉयड के 800 ऐप बने 'जेवियर' मालवेयर के शिकार

एंड्रॉयड के 800 ऐप बने 'जेवियर' मालवेयर के शिकार

ट्रेंड माइक्रो ने एक बयान में कहा, "इस मालवेयर से संक्रमित होने वाले एप्लिकेशंस में यूटिलिटी एप से लेकर फोटो एप, वॉलपेपर एप और रिंगटोन चेंजर एप तक शामिल हैं। हम इस प्रकार के खतरों से प्रयोक्ता को बचाने के लिए...

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नई दिल्ली: वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी ट्रेंड माइक्रो ने शुक्रवार को बताया कि उसने गूगल प्ले स्टोर के 800 से ज्यादा एप्लिकेशंस में ट्रोजन एंड्रायड मालवेयर 'जेवियर' की पहचान की है, जिन्हें अब तक लाखों बार डाउनलोड किया जा चुका है। 'जेवियर' मालवेयर संक्रमित मोबाइल के उपयोगकर्ता की जानकारियों को चुराता है।

ट्रेंड माइक्रो ने एक बयान में कहा, "इस मालवेयर से संक्रमित होने वाले एप्लिकेशंस में यूटिलिटी एप से लेकर फोटो एप, वॉलपेपर एप और रिंगटोन चेंजर एप तक शामिल हैं। हम इस प्रकार के खतरों से प्रयोक्ता को बचाने के लिए मोबाइल सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराते हैं।" (आतंकियों को पकड़ने के लिए Facebook उठा रहा है यह बड़ा कदम)

ट्रेंड माइक्रो के जांच दल ने अपने 'मोबाइल ऐप रेपुटेशन सार्विस' के आंकड़ों में पाया कि 'जेवियर' किसी मोबाइल उपयोगकर्ता की जानकारियां चुरा रहा है, इसे जान पाना बेहद कठिन है।

जांच दल का कहना है कि ऐसा जेवियर में मौजूद आत्म सुरक्षा प्रणाली के कारण है, जो स्ट्रिंग एनक्रिप्शन, इंटरनेट डेटा एनक्रिप्शन और इम्यूलेटर डिटेक्शन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करता है।

ट्रेंड माइक्रो के कंट्री मैनेजर (भारत एवं दक्षेस) नीलेश जैन का कहना है, "जेवियर जैसे बेहद तीक्ष्ण मालवेयर से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि किसी अज्ञात स्रोत से प्राप्त एप्लिकेशन को डाउनलोड या इंस्टाल न करें, चाहे वह गूगल प्ले स्टोर से ही क्यों ना हो।" (भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में इस बड़े सेगमेंट पर है Motorola की नजर)