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Hindi News तेलंगाना के. कविता को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने सीबीआई को दी 15 अप्रैल तक कस्टडी, शराब घोटाले से जुड़ा है नाम

के. कविता को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने सीबीआई को दी 15 अप्रैल तक कस्टडी, शराब घोटाले से जुड़ा है नाम

शराब घोटाला मामले में आरोप झेल रही के. कविता को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने के. कविता को 15 अप्रैल तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। यानी के. कविता आगामी 3 दिनों तक सीबीआई की रिमांड में रहेंगी।

ROUSE AVENUE COurt sent k Kavitha in cbi remand till 15th april in delhi liquor scam case- India TV Hindi Image Source : PTI सीबीआई की कस्टडी में रहेंगी के. कविता

दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी व बीआरएस नेता के. कविता इन दिनों सलाखों के पीछे हैं। इस बीच राउज एवेन्यू कोर्ट की तरफ से के. कविता को बड़ा झटका लगा है। दरअसल राउज एवेन्यू कोर्ट ने के. कविता को फिर से सीबीआई की रिमांड में भेज दिया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक के. कविता को आगामी 3 दिनों तक यानी 15 अप्रैल तक के लिए सीबीआई की रिमांड में भेज दिया गया है। सीबीआई ने के. कविता की 5 दिन की कस्टडी मांगी थी लेकिन कोर्ट ने केवल 3 दिन की ही कस्टडी दी। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने 3 दिन के रिमांड का आदेश जारी किया। 

पिछले दिनों भी हुई थी सुनवाई

बता दें कि इससे पहले कोर्ट में एक जिरह के दौरान के. कविता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि आरोपी महिला का एक बच्चा है, जिसकी परीक्षाएं अप्रैल महीने में होने वाली हैं। ऐसा भी नहीं है कि बच्चा गोद में है या छोटा है। मां का नैतिक और भावनात्मक समर्थन बच्चे को होता है। जो कुछ हुआ है, उसे लेकर सदमा और एक अलग सा सन्नाटा है। सिंघवी ने कोर्ट में जिरह के दौरान कहा कि 16 साल की उम्र में उस बच्चो को कई विषय मिल गए हैं। मां का दृष्टिकोण, पिता या बहन द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता है। एक मां के भावनात्मक समर्थन को एक मौसा द्वारा भी पूरा नहीं किया जा सकता है। 

'मन की बात' कार्यक्रम का हुआ जिक्र

पीएम मोदी के रेडिया कार्यक्रम मन की बात का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑल इंडिया रेडियो पर परीक्षा के दबाव को लेकर व्याख्यान दी गई थी। यह दबाव कोई काल्पनिक घटना नहीं है। अगर बेटे के साथ एक महीने तक रहने की इजाजत दे दी जाए तो कोई आसमान नहीं गिर जाएगा। ऐसी कोई तत्काल पूछताछ नहीं है जो कुछ हफ्तों तक इंतजार नहीं कर सकती है। इस दौरान कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कहा गया गया संबंधित आरोपी रिश्वत देने वाले प्रमुख लोगों में से एक है। वह न केवल अग्रिम रूप से रिश्वत की व्यवस्था करने का  हिस्सा है, बल्कि इंडो स्पिरिट के माध्यम से लाभार्थी भी है।