A
Hindi News उत्तर प्रदेश भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को मिली 'Y प्लस' कैटेगरी की सुरक्षा, हो चुका है जानलेवा हमला

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को मिली 'Y प्लस' कैटेगरी की सुरक्षा, हो चुका है जानलेवा हमला

गृह मंत्रालय ने भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 'वाई प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। इसके तहत अब चंद्रशेखर आजाद के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

चंद्रशेखर आजाद 'रावण' को मिली 'Y प्लस' कैटेगरी की सुरक्षा।- India TV Hindi Image Source : CHANDRASHEKHAR AZAD (X) चंद्रशेखर आजाद 'रावण' को मिली 'Y प्लस' कैटेगरी की सुरक्षा।

लखनऊ: गृह मंत्रालय ने भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 'वाई प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। इसके तहत अब चंद्रशेखर आजाद के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि ये सुरक्षा कवर उन्हें केवल उत्तर प्रदेश में प्रदान किया जाएगा। बता दें कि पिछले साल ही भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर हमला किया गया था। उन पर यूपी के देवबंद में गोली से फायरिंग की गई थी। इस हमले में चंद्रशेखर को गोली छूकर निकल गई थी। हालांकि बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

गोली से किया था हमला

दरअसल, देवबंद में कार सवार हमलावरों ने भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर फायरिंग की थी। हालांकि गोली चंद्रशेखर को छूकर निकल गई, जिससे वह बाल-बाल बच गए। चंद्रशेखर पर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की। इसके बाद एंबुलेस चंद्रशेखर को लेकर देवबंद से निकली और उन्हें सहारनपुर के जिला अस्पताल में ले जाया गया। हमले के बाद चंद्रशेखर आजाद ने बयान जारी किया था और कहा कि 'मुझे याद नहीं है लेकिन मेरे लोगों ने उनकी पहचान की है। उनकी गाड़ी आगे सहारनपुर की तरफ भागी। हमने यू टर्न ले लिया। हमारी गाड़ी अकेली ही थी, कुल 5 लोग थे। हमारे साथी डॉक्टर को भी शायद गोली लगी।'

कौन हैं चंद्रशेखर आजाद 'रावण'

बता दें कि चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी के प्रमुख हैं और दलित समाज पर उनकी पकड़ा काफी मजबूत मानी जाती है। उन्हें मायावती के बाद दलितों का दूसरे नंबर का नेता माना जाता है। उनका जन्म 3 दिसंबर 1986 को सहारनपुर स्थित घडकौली गांव में हुआ था। चंद्रशेखर ने देहरादून से कानून की पढ़ाई की और फिर राजनीति में सक्रिय हो गए। साल 2014 में चंद्रशेखर आजाद, दलित एक्टिविस्ट सतीश कुमार और विनय रतन आर्य ने भीम आर्मी की स्थापना की थी। ये संगठन बाबा साहेब अंबेडकर की विचारधारा को मानता है और दलितों-पिछड़ों की आवाज को प्रखरता से उठाता है।

यह भी पढ़ें- 

मुख्तार अंसारी की क्रूरता की गाथा! कृष्णानंद राय हत्याकांड का वो काला दिन, जब 500 गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठा पूर्वांचल

इस पार्टी ने चुनाव लड़ने से ही किया इनकार, अलग राज्य बनाने की रखी मांग; विधायकों-सांसद की हुई बैठक