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उत्तर प्रदेश में कब होंगे निकाय चुनाव? इलेक्शन कमीशन ने दी बड़ी जानकारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को त्रिस्तरीय नगरीय निकाय चुनावों के लिए नगर निगमों के महापौरों और नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए आरक्षित सीटों की अनंतिम सूची जारी की थी।

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लखनऊ: राजनीतिक लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश हर वक्त चुनावी मोड में रहता है। पिछले साल ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुए और उसके बाद ही निकाय चुनाव का माहौल बनने लगा। चुनाव के लिए उम्मीदवारी की आस में बैठे लोग अपना माहौल बनाने लगे। सरकार ने आरक्षण सूची भी जारी की थी लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसपर रोक लगा दी थी। जिसके बाद योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और अब वहां से चुनाव कराने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। 

पुलिस बल की व्यवस्था समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए
 
उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार से आरक्षण की अंतिम सूचना मिलते ही नगर निकाय सामान्य निर्वाचन कराने की अधिसूचना जारी की जाएगी। सोमवार को यहां जारी एक बयान में राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने कहा, ''प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण की अंतिम सूचना प्राप्त होने के बाद प्रदेश के नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।'' इसके पहले एहतियात के तौर पर उन्होंने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आवश्यक पुलिस बल की व्यवस्था समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। 

निकाय चुनाव के अन्तर्गत कुल 14,684 पदों पर चुनाव होंगे

मनोज कुमार ने कहा, "राज्य के 760 नगरीय निकाय चुनाव के अन्तर्गत कुल 14,684 पदों पर चुनाव होंगे।" उन्होंने बताया कि इसमें 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिये चुनाव होगा। निर्वाचन आयुक्‍त ने यह भी बताया कि "राज्य में महापौर की 17 सीटों और पार्षदों की 1420 सीटों पर ईवीएम के माध्यम से मतदान होगा जबकि बाकी पदों के लिए मतपेटिकाओं का उपयोग करके मतदान किया जाएगा।"

चुनाव के मद्देनजर लखनऊ में हुई महत्वपूर्ण बैठक  

लखनऊ में हुई एक बैठक में प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव शहरी विकास अमृत अभिजात की उपस्थिति में राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिए कि पुलिस बल की आवश्यक व्यवस्था समय से सुनिश्चित की जाए, ताकि समय पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें। संजय प्रसाद ने कहा कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए चरणवार और जिलेवार पुलिस बल समय पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार मतदान केंद्र की संवेदनशीलता को देखते हुए विभाग को अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। उच्चतम न्यायालय ने 27 मार्च को उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया था और राज्य निर्वाचन आयोग को ओबीसी कोटे के साथ दो दिन के भीतर इस संबंध में अधिसूचना जारी करने की अनुमति दी थी। 

बृहस्पतिवार को जारी हुई थी आरक्षण की लिस्ट 

उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को त्रिस्तरीय नगरीय निकाय चुनावों के लिए नगर निगमों के महापौरों और नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए आरक्षित सीटों की अनंतिम सूची जारी की थी। उप्र के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने संवाददाताओं से कहा था कि ''आरक्षित सीटों के लिए मसौदा अधिसूचना जारी कर दी गई है और सात दिनों के भीतर आरक्षित सीटों की सूची पर आपत्तियां मांगी गई हैं।'' 

अंतिम अधिसूचना के अनुसार, आगरा के महापौर सीट अनुसूचित जाति (महिला), झांसी की सीट अनुसूचित जाति (एससी), शाहजहांपुर और फिरोजाबाद की सीट ओबीसी (महिला), सहारनपुर और मेरठ की सीट ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है। शर्मा ने बताया कि वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन की आठ महापौर सीटें अनारक्षित होंगी।

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