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Hindi News उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने UP में 6 महीने के लिए लागू किया ESMA, किसान आंदोलन को देखते हुए उठाया बड़ा कदम

योगी सरकार ने UP में 6 महीने के लिए लागू किया ESMA, किसान आंदोलन को देखते हुए उठाया बड़ा कदम

किसानों के प्रदर्शन के बीच योगी सरकार ने यूपी में 6 महीने के लिए एस्मा लागू किया है। वहीं अब एस्मा लागू होने के बाद प्रदर्शन और हड़ताल पर पाबंदी रहेगी। इसे लेकर अपर मुख्य सचिव कार्मिक की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

योगी सरकार ने UP में 6 महीने के लिए लागू किया ESMA।- India TV Hindi Image Source : PTI योगी सरकार ने UP में 6 महीने के लिए लागू किया ESMA।

लखनऊ: देश भर में किसान इन दिनों प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इसका ज्यादातर असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद यूपी की योगी सरकार किसानों के प्रदर्शन को लेकर अलर्ट मोड में है। यूपी में भी किसान प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस बीच यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में 6 महीने के लिए एस्मा (ESMA) लागू कर दिया है। वहीं एस्म लागू होने के बाद अब प्रदेश में 6 महीनों तक हड़ताल पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करके जानकारी दी है। जारी अधिसूचना के अनुसार, लोक हित में ऐसा करना आवश्यक है। सरकारी विभागों, राज्य सरकार के अधीन सभी निगमों और प्राधिकरणों पर भी यह नियम लागू होगा।

आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने के लिए सरकारों द्वारा लगाया जाता है। एस्‍मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ और दण्‍डनीय है। बता दें कि Essential Services Management Act को ही एस्मा कहते हैं। दरअसल, सरकारों द्वारा हड़तालों पर रोक लगाने के लिए एस्मा लगाया जाता है। जाहिर है कि हड़तालों की वजह से प्रदेश की सामान्य सेवाएं काफी प्रभावित होती हैं। जबकि एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है।

बता दें कि बागपत में भाकियू सदस्यों ने आज विरोध प्रदर्शन किया। भाकियू के जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने कहा कि ‘‘बंद के समर्थन में वंदना चौक पर प्रतीकात्मक विरोध का आह्वान किया गया था। किसानों ने आह्वान का समर्थन किया और वे गन्ना खरीद केंद्रों पर नहीं गए।’’ शाहजहांपुर, बदायूं और मेरठ में बंद का कोई असर नहीं दिखा। भाकियू (राजेवाल), भाकियू (दकुंडा), भाकियू (लाखोवाल), भाकियू (कादियान) और कीर्ति किसान यूनियन सहित कई किसान संगठन बंद में हिस्सा ले रहे हैं। 

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