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दक्षिण अफ्रीका: सुषमा स्वराज ने की फीनिक्स बस्ती का दौरा

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां फीनिक्स बस्ती का दौरा किया और यहां एक पौधा लगाया। अपने दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इसी बस्ती में रहते थे।

<p>External Affairs Minister Sushma Swaraj on a five day...- India TV Hindi External Affairs Minister Sushma Swaraj on a five day visit to South Africa arrived in Durban

डरबन: भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां फीनिक्स बस्ती का दौरा किया और यहां एक पौधा लगाया। अपने दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इसी बस्ती में रहते थे। डरबन में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सुषमा स्वराज के दौरे का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, "बापू ने जहां अपना अहिंसा का दर्शन विकसित किया। दक्षिण अफ्रीका के उस ऐतिहासिक स्थान के लिए सुषमा स्वराज ने सम्मान प्रकट किया, जहां गांधीजी का घर था।" इस दौरान उन्होंने केप चेस्टनट का एक पौधा लगाया। शानदार फूलों के कारण इस वृक्ष को यहां बहुतायत लगाया जाता है। (शिखर सम्मेलन के पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिकी राष्ट्रपति )

भारतीय विदेश मंत्री ने भारत सरकार द्वारा स्थापित 'महात्मा गांधी कम्प्यूटर शिक्षा एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान' के छात्रों से संवाद भी किया। महात्मा गांधी द्वारा 1904 में स्थापित फीनिक्स बस्ती डरबन से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। गांधीजी के सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा के सिद्धांतों को समर्पित बस्ती अपने लंबे इतिहास, न्याय, शांति और समानता को बढ़ावा देने के कारण महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और राजनीतिक भूमिका निभाती है। गांधीजी ने इस बस्ती को सामुदायिक प्रयोगात्मक बस्ती के तौर पर बसाया था, जिसमें उन्होंने प्रत्येक परिवार को खेती करने के लिए दो एकड़ भूमि दी थी।

सुषमा स्वराज ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होकर और इब्सा (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता कर प्रिटोरिया से मंगलवार शाम यहां पहुंचीं। डरबन में बहुतायत में भारतीय प्रवासी रहते हैं। भारतीय विदेश मंत्री बुधवार और गुरुवार को गांधीजी के साथ हुई 'रेलगाड़ी के डब्बे वाली ऐतिहासिक घटना' की 125वीं वर्षगांठ पर पीटरमारित्ज में कई कार्यक्रमों में शामिल हो सकती हैं। उस घटना ने ही गांधीजी को सत्याग्रह आंदोलन के लिए प्रेरित किया था।

 

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