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Hindi News विदेश अन्य देश Brazil Elections: ब्राजील में राष्ट्रपति चुनाव, बोलसोनारो और लूला डा सिल्वा के बीच होगा दूसरे दौर का मुकाबला

Brazil Elections: ब्राजील में राष्ट्रपति चुनाव, बोलसोनारो और लूला डा सिल्वा के बीच होगा दूसरे दौर का मुकाबला

Brazil Elections: राष्ट्रपति पद के लिए 99.6 प्रतिशत मतदान हुआ है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा को 48.3 प्रतिशत और राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को 43.3 प्रतिशत वोट मिले। नौ अन्य उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे, लेकिन उनमें से किसी को भी जनता का कोई खास समर्थन नहीं मिल पाया है।

Luiz Inacio Lula da Silva-Jair Bolsonaro- India TV Hindi Image Source : AP Luiz Inacio Lula da Silva-Jair Bolsonaro

Highlights

  • ब्राजील में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे
  • बोलसोनारो और सिल्वा के बीच कांटे की टक्कर
  • दोनों नेताओं के बीच होगा दूसरे दौर का मुकाबला

Brazil Elections: ब्राजील के राष्ट्रपति पद के चुनाव के प्रमुख दो उम्मीदवारों के बीच ‘रन ऑफ वोट’ (दूसरे चरण) का मुकाबला होगा, क्योंकि रविवार को हुए आम चुनाव में किसी को भी बहुमत नहीं मिल पाया है। चुनाव में दक्षिणपंथी जेयर बोलसोनारो और वामपंथी लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। राष्ट्रपति पद के लिए 99.6 प्रतिशत मतदान हुआ है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा को 48.3 प्रतिशत और राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को 43.3 प्रतिशत वोट मिले। नौ अन्य उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे, लेकिन उनमें से किसी को भी जनता का कोई खास समर्थन नहीं मिल पाया है।

हाल में कराए गए कई चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में लूला डा सिल्वा को लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया था। सर्वेक्षणों में हिस्सा लेने वाले 50 प्रतिशत लोगों ने लूला डा सिल्वा का समर्थन किया जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने जेयर बोलसोनारो को एक बार फिर देश की कमान सौंपने की बात कही है। ‘फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ परनामबुको’ में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले नारा पावाओ ने कहा, ‘लूला और बोलसोनारो के बीच इतने कड़े मुकाबले की उम्मीद नहीं थी।’ मतदान के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में लूला ने बोलसोनारो के साथ 30 अक्टूबर को होने वाले ‘रन ऑफ वोट’ मुकाबले की तुलना फुटबॉल के खेल में मिलने वाला ‘अतिरिक्त समय’ से की।

पहले मुकाबले में जीतना चाहता हूं- सिल्वा 

उन्होंने कहा, ‘मैं हर चुनाव पहले मुकाबले में जीतना चाहता हूं, लेकिन यह हमेशा संभव नहीं हो पाता।’ इस चुनाव के परिणाम से यह तय होगा कि दुनिया के चौथे सबसे बड़े लोकतंत्र की कमान किसके हाथ में जाएगी और देश की सत्ता चार वर्षों के लिए दक्षिणपंथी विचारधारा वाले मौजूदा राष्ट्रपति बोलसोनारो के हाथ में दोबारा जाएगी या वामपंथी लूला डा सिल्वा फिर सत्ता में लौटेंगे। 

गौरतलब है कि राष्ट्रपति बोलसोनारो पर भड़काऊ भाषण देने के अलावा लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के आरोप लगाए जाते हैं। देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने के उनके प्रयासों की भी आलोचना हुई है। अमेजन वन क्षेत्र में बीते 15 वर्षों के दौरान पेड़ों की सबसे अधिक कटाई के लिए भी उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। हालांकि बोलसोनारो ने पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों की रक्षा करके और वामपंथी नीतियों से देश की रक्षा करने वाले नेता के रूप में खुद को पेश करके एक बड़ा जनाधार बनाया है।

ब्राजील की आर्थिक विकास दर बेहद धीमी है और कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने के बावजूद 3.3 करोड़ लोगों को खाद्य पदार्थों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। देश में बढ़ती हुई महंगाई और बेरोजगारी भी एक बड़ी चुनौती है।

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