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Hero Rats: भूकंप में फंसे लोगों की जान बचाएंगे ये चूहे, जानें कैसे करेंगे मदद?

Hero Rats: तंजानिया की एक वैज्ञानिक ने ऐसा सिस्टम डेवलेप किया है, जिसकी मदद से चूहे मलबे में फंसे लोगों का पता लगा सकते हैं।

Hero Rats- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@DONNAEILIDHKEAN Hero Rats

Highlights

  • मलबे में फंसे लोगों का पता लगाएंगे चूहे
  • अब तक 7 चूहों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
  • इन्हें काम करने के लिए भेजा जाएगा तुर्की

Hero Rats: भूकंप आने से मलबे में दबकर हर साल कई लोगों की जान चली जाती है, क्योंकि कई बार मलबे में दबे लोगों से संपर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अब इस समस्या का सामाधान चूहे करेंगे। यानी अब चूहे मलबे में दबे लोगों की जान बचाने में मदद करेंगे। तंजानिया की एक वैज्ञानिक ने ऐसा सिस्टम डेवलेप किया है, जिसकी मदद से चूहे मलबे में फंसे लोगों का पता लगा सकते हैं।

इसके लिए अफ्रीका के वैज्ञानिकों और अपोपो नाम के एक एनजीओ ने चूहों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। अपनी पीठ पर बैठ टांगे ये चूहे रेस्क्यू टीम की मदद कर मलबे में फंसे लोगों की जान बचा सकेंगे। चूहों की पीठ पर टंगे बैग में माइक्रोफोन, वीडियो डिवाइस और लोकेशन ट्रैकर रखा जाएगा। इन चीजों के जरिए बचाव कर्मी मलबे में फंसे लोगों से संपर्क कर पाएंगे। इसके साथ ही उनकी लोकेशन का पता लगाकर उनकी जान बचा पाएंगे।

 पाउच्ड रैट्स प्रजाति के हैं ये चूहे

इस रिसर्च को लीड कर रहीं डॉ. डोना कीन का कहना है कि अब तक 7 चूहों का इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इन चूहों ने सिर्फ दो हफ्ते में सबकुछ सीख लिया है। प्रोजेक्ट के लिए चुने गए चूहे अफ्रीका में मिलने वाली पाउच्ड रैट्स प्रजाति के हैं। इनका नाम 'हीरो रैट्स' रखा गया है। 

जानकारी के मुताबिक, इन चूहों को इसलिए चुना गया है, क्योंकि इन्हें ट्रेनिंग देना बहुत ही आसान होता है। इसके साथ ही इन चूहों में सूंघने की क्षमता भी ज्यादा होती है। ये चूहे छीटी से छोटी जगह पर आसानी से घुस जाते हैं। चूहे औसतन 6 से 8 साल जीते हैं और इन्हें खिलाना-पिलाना भी किफायती होता है। साथ ही ये चूहे ज्यादातर बीमारियों से बचने में कामयाब होते हैं।

डॉ. कीन के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए एक साथ 170 चूहों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी होने पर इन चूहों को सर्च और रेस्क्यू टीम के साथ काम करने के लिए तुर्की भेजा जाएगा, जहां से अक्सर भूकंप के मामले सामने आते रहते हैं। फिलहाल चूहों को नकली मलबे में ट्रेनिंग दी जा रही है।

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