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इस कंगाल मुस्लिम देश में जानवरों वाला खाना खाने को मजबूर है अवाम, सरकार ने दी ये सलाह

मिस्र की सरकार ने नवीनतम पोषण सलाह में लोगों को चिकन के पैरों को पकाकर खाने का सुझाव दिया है। इस सुझाव ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया है। इस बीच मिस्र में 1 अंडे की कीमत 13 रुपये से भी ज्यादा हो चुकी है। मिस्र में मार्च में महंगाई दर रिकॉर्ड 30% को पार कर चुकी है।

इस कंगाल मुस्लिम देश में जानवरों वाला खाना खाने को मजबूर है अवाम, सरकार ने दी ये सलाह- India TV Hindi Image Source : AP इस कंगाल मुस्लिम देश में जानवरों वाला खाना खाने को मजबूर है अवाम, सरकार ने दी ये सलाह

Egypt: पश्चिमी एशिया की सीमा पर बसा अफ्रीकी देश मिस्र इन दिनों भीषण आर्थिक संकट से ग्रस्त है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि मिस्र के लोगों के पास दो वक्त की रोटी खरीदने को पैसे नहीं हैं। लोग अपने परिवारों को खाना खिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच मिस्र की सरकार ने नवीनतम पोषण सलाह में लोगों को चिकन के पैरों को पकाकर खाने का सुझाव दिया है। चिकन का पैर प्रोटीन से भरा होता है, लेकिन आमतौर पर इसे कुत्तों और बिल्लियों के खाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सरकार के इस सुझाव ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया है। इस बीच मिस्र में 1 अंडे की कीमत 13 रुपये से भी ज्यादा हो चुकी है। दुनियाभर के कई देश महंगाई से जूझ रहे हैं, लेकिन मिस्र में मार्च में महंगाई दर रिकॉर्ड 30% को पार कर चुकी है।

मिस्र में क्यों बढ़ी महंगाई, जानिए कारण

रूसी और यूक्रेनियाई छुट्टियां मनाने वाले लोग भारी तादाद में मिस्र का दौरा करते थे, इसलिए पर्यटन क्षेत्र को भी नुकसान हुआ। मिस्र की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 5 फीसदी से ज्यादा है। पर्यटन कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले से ही बुरी तरह प्रभावित था। इस बीच विश्लेषकों ने दावा किया है कि सरकार के गलत कदमों ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है।

तेल और पनीर आम लोगों की पहुंच से दूर

मिस्र में कई लोगों के लिए खाना पकाने का तेल और पनीर जैसी चीजें जो पहले बुनियादी खाद्य पदार्थ थे, वे अब पहुंच से बाहर हो चुकी हैं। कुछ महीनों के भीतर इन प्रोडक्ट्स की कीमतें दोगुनी या तिगुनी हो चुकी हैं। एक स्थानीय महिला ने बताया कि पहले मैं हफ्ते में एक दिन मीट जरूर खरीदती थीं, लेकिन अब महीने में एक बार या कई बार तो दो महीने में एक बार खरीदती हूं। आजकल एक अंडा भी 13 रुपये से ऊपर का हो चुका है। 

मिस्र के आर्थिक संकट का एक कारण यह भी है कि यह देश 100 मिलियन से अधिक लोगों की विशाल आबादी को खिलाने के लिए घरेलू कृषि के बजाय आयातित भोजन पर बहुत अधिक निर्भर करता है। यहां तक कि अपनी मुर्गियों को खिलाने के लिए दाना भी विदेशों से आता है।

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