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भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब ने बनाया त्रिपक्षीय मंच, पाकिस्तान और चीन हुए चिंतित

भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शनिवार को एक त्रिपक्षीय मंच बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत तीनों देश मिलकर रक्षा सहयोग, सौर और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। भारत, फ्रांस और यूएई के इस संगठन से चीन और पाकिस्तान चिंतित हो उठे हैं।

भारत, फ्रांस और यूएई में त्रिपक्षीय सहयोग (फाइल)- India TV Hindi Image Source : FILE भारत, फ्रांस और यूएई में त्रिपक्षीय सहयोग (फाइल)

 नयी दिल्ली। भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शनिवार को एक त्रिपक्षीय मंच बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत तीनों देश मिलकर रक्षा सहयोग, सौर और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। भारत, फ्रांस और यूएई के इस संगठन से पाकिस्तान और चीन चिंतित हो उठे हैं। इस मजबूत साझेदारी और सहयोग से हाल ही में संयुक्त अरब से भीख मांगने वाला पाकिस्तान और कुछ दिनों पहले इसी देश की यात्रा पर गए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निश्चित रूस से चिंता सताने लगी होगी। क्योंकि चीनी राष्ट्रपति अरब देशों के साथ व्यापार और सहयोग बढ़ाने कुछ दिन पहले ही यूएई की यात्रा करके लौटे हैं। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी हाल ही में यूएई गए थे, वहां उन्होंने अपने देश के लिए शर्मिंदगी पूर्वक कर्ज मांगा था। इसके बाद स्वयं यह बात सबको बताई थी कि उन्हें कर्ज मांगते शर्म आ रही थी, लेकिन हिम्मत जुटाकर ऋण मांगा।

अब उसी यूएई के साथ भारत और फ्रांस ने मिलकर यह बड़ा समझौता किया है। इस ढांचे के तहत रक्षा, परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा  तीनों देशों ने पेश की। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने आपस में फोनर पर बातचीत भी की है। इसके बाद एक संयुक्त बयान जारी कर बताया गया कि तीनों पक्षों ने त्रिपक्षीय ढांचे के तहत सौर और परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाओं को निष्पादित करने पर सहमति बनाई गई है। तीनों देशों ने यह स्वीकार किया है कि रक्षा तीन देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का क्षेत्र है। इसलिए, तीन देशों के रक्षा बलों के बीच सहयोग और प्रशिक्षण के लिए रास्ते तलाशने के प्रयास किये जायेंगे। इससे तीनों देशों की सेनाओं को एक दूसरे की तकनीकि और कौशल को सीखने का अवसर भी मिलेगा।

एक वर्ष पहले ही तैयार की गई थी रूपरेखा
भारत, फ्रांस और यूएई के बीच यह समझौता अचानक नहीं हुआ है, बल्कि इसके लिए करीब एक वर्ष पहले ही रूपरेखा तैयार की जा चुकी थी। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि त्रिपक्षीय पहल स्थायी परियोजनाओं पर उनके देशों की विकास एजेंसियों के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। इससे सभी देशों को फायदा होगा। 19 सितंबर 2022 को तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने त्रिपक्षीय प्रारूप के तहत पहली बार बैठक की थी। इस दौरान उनमें आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिए एक औपचारिक त्रिपक्षीय सहयोग पहल स्थापित करने पर सहमति बनी थी। अब भारत, फ्रांस और यूएई ने रक्षा सहयोग, सौर ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने और एक दूसरे का भरपूर सहयोग करने पर काम शुरू कर दिया है। इससे पाकिस्तान और चीन में व्याकुलता छाने लगी है।

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