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गाजा में सहायताकर्मियों की मौत को लेकर अमेरिका के दबाव में आया इजरायल, 2 अधिकारियों को किया बर्खास्त

गाजा में कुछ दिन पहले इजरायली एयरस्ट्राइक में मारे गए सहायताकर्मियों को लेकर बवाल मचा है। अमेरिका ने इस मामले में इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए सहायताकर्मियों समेत आम फिलिस्तीनियों की मौत पर गहरी नाराजगी जताई थी। इसके साथ ही यह कृत्य जारी रखने पर इजरायल से रिश्ते टूटने की भी आशंका भी बढ़ गई थी।

प्रतीकात्मक फोटो।- India TV Hindi Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो।

गाजा में सहायताकर्मियों की मौत मामले में अमेरिका की सख्ती का असर इजरायल पर दिखने लगा है। अमेरिका ने इस मामले में साफ कह दिया था कि सहायताकर्मियों और गाजा में आम नागरिकों की मौत बर्दाश्त के लायक नहीं है। ह्वाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि अब इजरायल और अमेरिका के रिश्ते इजरायली व्यवहार पर निर्भर करेंगे कि वह गाजा में आम लोगों और सहायताकर्मियों को निशाना बनाना बंद करता है या नहीं। इस बयान से इजरायल अमेरिका के दबाव में आ गया। इस मामले में इजरायल ने 2 अधिकारियों को किया बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले इजरायल ने इस मामले में अपनी गलती भी मान ली थी। 

मगर अब इजरायली सेना के इस बड़े फैसले से साफ है कि उसे अमेरिका से रिश्ते खराब होने का डर सताने लगा है। इसीलिए पहली बार इजरायल ने गाजा में सहायताकर्मियों को निशाना बनाने के मामले  में अपने अधिकारियों पर इतनी बड़ी कार्रवाई की है। इजराइली सेना ने सहायता कर्मियों पर ड्रोन हमलों को लेकर नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए दो अधिकारियों को बर्खास्त किया है। 

इजरायल ने कही ये बात

इजरायल की सेना ने शुक्रवार को कहा कि उसने गाजा में ड्रोन हमलों में भूमिका के लिए दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। सेना ने तीन अन्य अधिकारियों को इस संबंध में चेतावनी दी है। इन हमलों में सात सहायता कर्मियों की मौत हो गई थी। सेना ने कहा कि इन अधिकारियों ने गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग किया और सेना के नियमों का उल्लंघन किया था। फलस्तीनियों, सहायता समूहों और मानवाधिकार संगठनों ने कई बार इजरायली बलों पर नागरिकों पर लापरवाही से गोलीबारी करने का आरोप लगाया है और इजरायल इस आरोप से इनकार करता रहा है। सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक त्रासदी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गंभीर घटना है जिसके लिए हम जिम्मेदार हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए था और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा दोबारा न हो।’’ सेना के अधिकारियों ने कहा कि इजराइली सेना के नियमों के अनुसार, लक्ष्य पर हमला करने से पहले उसकी खतरे के रूप में पहचान की जानी चाहिए। सेना ने कहा कि कर्नल और मेजर को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि तीन अन्य अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। इसने कहा कि जांच के नतीजे सेना के ‘एडवोकेट जनरल’ को सौंप दिए गए हैं, जो यह तय करेंगे कि हत्याओं में शामिल अधिकारियों या किसी अन्य को सजा मिलनी चाहिए या मुकदमा चलाया जाना चाहिए। (भाषा)

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