भारत और कनाडा के बीच रिश्ते इन दिनों ठीक नहीं चल रहे हैं। खालिस्तानी आतंकी की कनाडा में हत्या का आरोप कनाड़ा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत के ऊपर लगाया। तो वहीं इसके जवाब में भारत सरकार ने भी कई कड़े फैसले लिए हैं। कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो अपने ही देश में अलग-थलग पड़ गए हैं। भारत के खिलाफ बयान देने के बाद विपक्षी दलों द्वारा उनसे सबूत मांगे गए थे जिसे नहीं दे पाने पर उनकी आलोचन की गई थी। वहीं एक बार फिर कनाडा के नेता प्रतिपक्ष पियरे पोइलिवर ने जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की है।
नाजी सैनिक के अभिवादन पर बवाल
पियरे पोइलिवरे ने एसएस (एक नाजी डिवीजन) के 14वें वाफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के पूर्व लड़ाके से मिलने और सम्मानित करने के लिए जस्टिन ट्रूडो से माफी की मांग की है। पोइलिवरे ने ट्विटर पर लिखा- जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के लोगों ने इस सप्ताह यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की की कनाडा यात्रा के दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स में नाजी दिग्गजों को मान्यता दी थी। नेता प्रतिपक्ष ने इसे जस्टिन ट्रूडो की गलती बताते हुए आरोप लगाया गया कि इस तरह के इवेंट के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जिम्मेदार है।
भारत के मामले पर ट्रूडो की किरकिरी
दरअसल एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा कि 'FSWC इस बात से हैरान है कि कनाडा की संसद ने यहूदियों और अन्य लोगों की हत्या के दोषी नाजी सैनिक का खड़े होकर अभिवादन किया। इसपर जवाब देते हुए पोइलिवरे पियरे ने ट्वीट कर जवाब देते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदार ठहराया। बता दें कि इससे पहले पियरे ने भारत के मामले में ट्रूडो को घेरते हुए कहा था कि अगर ट्रूडो के पास कोई सबूत है तो सामने रखना चाहिए, ताकि कनाडा के नागरिक इसपर फैसला ले सकें। अगर ट्रूडो ऐसा नहीं करते हैं तो वह जगहंसाई की वजह बनेंगे।
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